Thursday, 28 April 2022

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

कुछ दिनों दश्त भी आबाद हुआ चाहता है।
कुछ दिनों के लिए अब शहर को वीरानी दे।..... नदीम अहमद..... 

 Desert wants to be dwelt for a few days.
Let the city be deserted for a few days. 

 मालूम है वादे की हक़ीक़त। 
बहला लेते हैं अपने जी को। 
..... दत्तात्रेय कैफ़ी..... 

Reality of promise I know very well. 
Yet it consoles me in this spell. 

ये मो'जिज़ा हमारे ही तर्ज़-ए-बयाँ का था। उसने वो सुन लिया था जो हमने कहा न था।..... अख़्तर शाहजहांपुरी..... 

This was a miracle of how I said. 
He listened to what I had not said. 

ख़ुद अपने आप से मिलने की ख़ातिर। 
अभी कोसों हमें चलना पड़ेगा। 
..... सीमा ग़ज़ल..... 

In order to meet with me. 
On a long way I have to be. 

रोज़ के रोज़ बदलता हूँ मैं ख़ुद अपना जवाज़। 
जिंदगानी मैं तुझे हल नहीं होने देता। 
..... सईदुल्लाह क़ुरैशी..... 

Everyday, myself I change what's right. 
O life ! I don't let you solve it right. 



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