Friday, 29 April 2022

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

कोई तितली निशाने पर नहीं है। 
मैं बस रंगों का पीछा कर रहा हूँ। 
..... ज़ुबैर अली ताबिश..... 

No butterfly is yet on aim. 
Following colours is my game. 

पहली सी लज़्ज़तें नहीं अब दर्द-ए-इश्क़ में। 
क्यूँ दिल को मैंने दर्द का ख़ूगर बना दिया ?....... सेहर इश्क़ाबादी..... 

Flavours in pain of love are not as before. 
Why did I make terror a habit to heart core ? 

हर लम्हा अगर गुरेज़-पा है। 
तू क्यूँ मिरे दिल में बस गया है ? 
..... अहमद नदीम क़ासमी..... 

If evasive is every moment. 
Why in my heart did you cement ? 

पुकारते हैं उन्हें साहिलों के सन्नाटे। 
जो लोग डूब गए कश्तियाँ बनाते हुए। 
..... सलीम कौसर..... 

Calling them are the silence of shores. 
Those who drowned in ship craft cores. 

जाने कैसा रिश्ता है रहगुज़र का क़दमों
 से ? 
थक के बैठ जाऊँ तो रास्ता बुलाता है। 
..... शकील आज़मी..... 

Relation is unknown between feet and route. 
Exhausted if I sat, the path called in pursuit. 





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