Tuesday, 10 May 2022

KAIFI AAZMI.. GHAZAL.. YA DIL KI SUNO DUNIYA WALO YA HUM KO BHI CHUP RAHNE DO..

या दिल की सुनो दुनिया वालो या हम को भी चुप रहने दो।
मैं ग़म को ख़ुशी कैसे कह दूँ जो कहते हैं उन को कहने दो।

O world ! Either listen to heart or let me  also be mum..
How can I call grief pleasure, let those who can say so, hum. 

 ये फूल चमन में कैसा खिला माली की नज़र में प्यार नहीं।
हँसते हुए क्या क्या देख लिया अब बहते हैं आँसू बहने दो। 

What a flower bloom in garden, no love in the gardener's eye.

Smiling what you could see  saw, now let tears roll O chum.

इक ख़्वाब ख़ुशी का देखा नहीं, जो देखा कभी तो भूल गये।
जो माँगा कभी तुम दे न सके, जो दे दिया उस को रहने दो।

I have not seen a pleasant dream,I forget , if I had seen one. 
You could not give, what I had asked, what I have, let me keep that sum.

क्या दर्द किसी का लेगा कोई ऐसा तो किसी को दर्द नहीं। 
बहते हुए आँसू और बहें अब ऐसी तसल्ली रहने दो। 

Who can share other's pain, no one can have that much  pain.
Let rolling tears be on roll, do not thus console, keep mum. 

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