Wednesday, 25 May 2022

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के 'दाग़' ।
जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं। 
..... दाग़ देहलवी..... 

O'Daagh' ! In love there are a thousand joyous jobs to do. Those who perform nothing, they so perfectly do.

नगरी नगरी फिरा मुसाफ़िर, घर का रस्ता भूल गया। 
क्या है तेरा क्या है मेरा, अपना पराया भूल गया।..... मीराजी.....

In cities did traveller roam, forgot his way to home. 
What is mine, what's yours,
he forgot it of course. 

ये बातों में नर्मी ये तहज़ीब-ओ-आदाब।
सभी कुछ मिला हम को उर्दू ज़बाँ से।
..... बशीर महताब.....

These polished manners, the talks so soft. 
 Urdu language gave me all these so oft. 

इश्क़ को एक उम्र चाहिए और।
उम्र का कोई ए'तिबार नहीं।
..... जिगर बरेलवी.....

Love needs one more life. 
There is no trust of life. 

वो वक़्त और थे कि बुज़ुर्गों की क़द्र थी। 
अब एक बूढ़ा बाप भरे घर पे बार है।
..... मोइन शादाब.....

Gone are the days when elders had respect. 
Old father is a weight, so all members react. 

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