Sunday, 29 May 2022

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

चुप चाप सुनती रहती है पहरों शब-ए-फ़िराक़।
तस्वीर-ए-यार को है मिरी गुफ़्तगू पसंद।
..... दाग़ देहलवी.....

Silently it listens on parting night for long. 
Beloved's sketch loves to listen me talk for long.

'शुऊर' ख़ुद को ज़हीं आदमी समझते हैं।
ये सादगी है तो वल्लाह इंतिहा की है।
..... अनवर शुऊर.....

O Shuoor knowing self is a very wise deed.
By God ! This simplcity is extreme indeed.

क्या इरादे हैं हज़रत-ए-दिल के।
किस से मिलना है ख़ाक में मिल के।
..... नातिक़ गुलावटी.....

O heart ! What's in your  mind ?
In dust, to whom will you find ?

मायूस दिलों को अब छेड़ो भी तो क्या  हासिल?
टूटे हुए पैमाने फ़रियाद नहीं करते।
..... फ़िगार उन्नाव.....

Teasing hopeless hearts, what'll you are obtain?
The shattered wine cups 
just don't  complain?

कुछ न देखा किसी मकान में  हम। 
कहते हैं, ला-मकान में कुछ है। 
..... वलीउल्लाह मुहीब..... 

Someone in no home was
 to address. 
It's said, something is in homeless.




No comments:

Post a Comment