Tuesday, 3 May 2022

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

जो लोग गुज़रते हैं मुसलसल रह-ए-दिल से।
दिन ईद का हो उन को मुबारक तह-ए-दिल से।..... उबैद आज़म आज़मी.....

Those who pass so regularly by the heart's way.
Auspicious for them from bottom of heart be Eid's day.

ईद का दिन है गले आज तो लग जा ज़ालिम। 
रस्म-ए-दुनिया भी है, मौक़ा भी है, दस्तूर भी है।..... क़मर बदायूनी.....

O tyrant ! Just embrace me today on Eid's day.
It's world tradition, a chance 'n custom of the day.

हँसी है, दिल-लगी है, क़हक़हे हैं।
तुम्हारी अंजुमन का पूछना क्या ?
..... मुबारक अज़ीमाबादी.....

There's laughter, amusement and guffaws. 
What to enquire about your meeting laws ?

वो चाँदनी में फिरते हैं घर घर ये शोर है। 
निकला है आफ़ताब शब-ए-माहताब में।
..... जलील मानिकपुरी.....

She walks in moonlight, there's noise from each home site. 
That the sun has also appeared on a moon - lit night.

बच्चों को हम न एक खिलौना भी दे सके। ग़म और बढ़ गया है जो त्योहार आए हैं। 
..... ओबैदुर रहमान.....

We could not provide to the children one toy. 
Pain has increased with the festivals ploy. 

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