Wednesday, 15 June 2022

JIGAR MORADABADI.. GHAZAL.. MOHABBAT MEIN KAISE MUQAAM AA RAHE HAIN.....


मोहब्बत में कैसे मुक़ाम आ रहे हैं। 
कि मंज़िल पे हैं और चले जा रहे हैं। 

Which sites in love are on the move? 
I am on goal, but still on the move. 

ये कह कह के हम दिल को बहला रहे हैं। 
वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं। 

Saying so, I am setting heart in groove. 
Now she has started, is on the move. 

वो अज़-ख़ुद ही नादिम हुए जा रहे हैं। 
ख़ुदा जाने क्या क्या ख़याल आ रहे हैं। 

She is ashamed of self, on to prove
 O God! What ideas are on the move? 

हमारे ही दिल से मज़े उन के पूछो। 
वो धोके जो दानिस्ता हम खा रहे हैं। 

Enquire about her joys from my heart. 
I know, these are deceits on the move. 

जफ़ा करने वालों को क्या हो गया है? 
वफ़ा कर के भी हम तो शर्मा रहे हैं।

What's happened to the faithless lot? 
I am faithful but ashamed to prove. 

वो आलम है अब यार-ओ-अग़्यार कैसे ? 
हमीं अपने दुश्मन हुए जा रहे हैं। 

That state is, who is  pal or rival? 
My enmity with self is on the  move. 

मिज़ाज-ए-गिरामी की हो ख़ैर या-रब ! 
कई दिन से अक्सर वो याद आ रहे हैं। 

O God! Enquiry about well being be blessed.
 For days, her memory is on the  move. 

No comments:

Post a Comment