Monday, 13 June 2022

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

ज़िंदगी दर्द भी दवा भी थी।
हमसफ़र भी गुरेज़-पा भी थी।
..... असलम इस्लाम अमजद..... 

Life was sorrow, it's remedy too.
Was co-traveller and evasive too.

वस्ल हो या फ़िराक़ हो 'अकबर'।
जागना रात भर मुसीबत है। 
..... अकबर इलाहाबादी.....

Whether it's union or separation 'Akbar'.
To be awake all night 
is a torture.

रखते हैं मोहब्बत को तग़ाफ़ुल में छुपा कर। 
परवा ही तो करते हैं जो परवा नहीं करते।..... जुनैद अख़्तर.....

I keep concealed love in indifference.
I exhibit concern by this indifference. 

उदासी, शाम, तन्हाई, कसक, यादों की बेचैनी। 
मुझे सब सौंप कर सूरज चला जाता है पानी में।..... अलीमा इतरत..... 

Sadness, eve', loneliness, pangs of pain, restlessness. 
Handing over all these to me, sun conceals himself in sea. 

कभी इश्क़ करो और फिर देखो, इस आग में जलते रहने से। 
कभी दिल में पर आँच नहीं आती, कभी रंग ख़राब नहीं होता।
..... सलीम कौसर..... 

Love sometime and see, to keep burning in this fire. 
Neither you  get discolored, 
nor is heart in heat of fire. 





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