न पूरे शहर पे छाए तो कहना !
..... जावेद अख्तर.....
From some houses is rising the smoke.
Tell me, if it doesn't entire city choke.
शहरों के सारे जंगल गुंजान हो गए है़ ।
फिर लोग मेरे अंदर सुनसान हो गए हैं।
. .... तनवीर अंजुम.....
Jungles of cities have become so dense.
Inside me, humans 've desolate sense.
मैं कि काग़ज़ की एक कश्ती हूँ।
पहली बारिश ही आख़िरी है मुझे।
..... तनवीर हफ़ी.....
Made of paper, I am a boat.
First rain is my last to quote.
है ग़लत गर गुमान में कुछ है।
तुझ सिवा भी जहान में कुछ है।
..... ख्वाजा मीर दर्द.....
If there is vanity within you,
it 's untrue.
In world, there's something besides you.
फ़िक्र-ए-म'आश, मातम-ए-दिल और ख़याल-ए-यार।
तुम सब से म'आज़रत कि तबीअ'त
उदास है।..... जावेद इक़बाल.....
Job, mourning of heart and beloved's thoughts stall.
That my state is crestfallen,
I am apologetic of you all.
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