Sunday, 19 June 2022

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

रंग-ए-महफ़िल चाहता है इक मुकम्मल इंक़लाब।
चंद शम'ओं के भड़कने से सहर होती नहीं।..... क़ाबिल अजमेरी.....

Assembly wants complete revolution as it's game . 
Day-break isn't achieved if
 a few candles inflame .

अक़्ल से सिर्फ़ ज़हन रौशन था। 
इश्क़ ने दिल में रौशनी की है। 
..... नरेश कुमार शाद.....

Brain only gave luminous start. 
Love has illuminated the heart.

बुरा हो आईना तिरा, मैं कौन हूँ न खुल सका।
मुझी को पेश कर दिया गया मिरी मिसाल में।..... अब्दुल अहद साज़.....

Bad be on you O mirror ! My identity is yet under cover.
You have simply presented 
me, as  an example of me.

इस महफ़िल-ए-कैफ़-ओ-मस्ती में, इस अंजुमन-ए-इरफ़ानी में।
सब जाम-ब-कफ़ बैठे ही रहे, हम पी भी गए छलका भी गए।..... मजाज़.....

In this group of drinks and joy, in a group with tactful ploy.
People sat with drinks in hand, I drank and splashed the brand.

मिरी ख़ामोशियों की झील में फिर। 
किसी आवाज़ का पत्थर गिरा है। 
.....आदिल रज़ा मंसूरी..... 

My lake of silence is again.
Disturbed by stone sound gain. 

No comments:

Post a Comment