हर शब-ए-ग़म की सहर हो ये ज़रूरी तो नहीं।..... नुसरत हाशमी.....
My laments will be effective, it's not essential.
Night of sorrow 'll see morn', it's not essential.
ग़रज़ कि काट दिए ज़िन्दगी के दिन ऐ दोस्त।
वो तेरी याद में हों या तुझे भुलाने में।
..... फ़िराक़ गोरखपुरी.....
Somehow, I have passed this life-set.
Whether to remember you or forget.
'मुसहफ़ी' क्यूँके छुपे उन से मिरा दर्द-ए-निहाँ।
यार तो बात के अंदाज़ से पा जाते हैं।
..... मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी.....
'Mushafi' ! From her, how can I hide my pain?
From a little gesture, she gets
gist of main.
न चारागर की ज़रूरत , न कुछ दवा की है।
दुआ को हाथ उठाओ कि ग़म की रात कटे।..... राजेन्दर कृशन.....
Neither medicine is needed, nor healer is needed .
To pass the night of sorrows, let prayers be seeded.
इस अदा से मुझे सलाम किया।
एक ही आन में है ग़ुलाम किया।
..... आसिफ़ुद-दौला....
She wished me with such a style.
And enslaved me within a while.
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