Tuesday, 28 June 2022

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

ज़ख़्म झेले, दाग़ भी खाए बहुत।
दिल लगा कर हम तो पछताए बहुत।
..... मीर तक़ी मीर.....

I tolerated wounds, had scars presented a lot.
O heart! Falling in love, I have
repented a lot.

झूट बोला है तो फिर क़ायम रहो उस पर 'ज़फ़र'।
आदमी को साहिब-ए-किरदार होना चाहिए।..... ज़फ़र इक़बाल.....

O'Zafar'!  Persist on it, if you have  told a lie. 
A man with  character, should maintain it high.

मैं फ़ैसले की घड़ी से गुज़र चुकी हूँ  मगर।
किसी का दीदा-ए-हैराँ मिरी तलाश में है।
..... नोशी गिलानी.....

Though, O judging time, I have passed through thee. 
Someone 's discerning eyes are  in search for me.

जो रेज़ा-रेज़ा नहीं, दिल उसे नहीं कहते। 
कहें न आईना उस को जो पारा-पारा नहीं।..... अहमद ज़फ़र.....

You don't call it a heart, till it's bits are scattered.
 I don't label it a mirror, until 'n unless it is shattered.

ज़माने भर में उलझते हैं जिन की जानिब से। 
अकैले-पन में उसे हम भी क्या नहीं कहते?..... सग़ीर मलाल..... 

Siding whom, often I have fought with the world.
In solitude, haven't I said 
her  many a word? 

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