दिल लगा कर हम तो पछताए बहुत।
..... मीर तक़ी मीर.....
I tolerated wounds, had scars presented a lot.
O heart! Falling in love, I have
repented a lot.
झूट बोला है तो फिर क़ायम रहो उस पर 'ज़फ़र'।
आदमी को साहिब-ए-किरदार होना चाहिए।..... ज़फ़र इक़बाल.....
O'Zafar'! Persist on it, if you have told a lie.
A man with character, should maintain it high.
मैं फ़ैसले की घड़ी से गुज़र चुकी हूँ मगर।
किसी का दीदा-ए-हैराँ मिरी तलाश में है।
..... नोशी गिलानी.....
Though, O judging time, I have passed through thee.
Someone 's discerning eyes are in search for me.
जो रेज़ा-रेज़ा नहीं, दिल उसे नहीं कहते।
कहें न आईना उस को जो पारा-पारा नहीं।..... अहमद ज़फ़र.....
You don't call it a heart, till it's bits are scattered.
I don't label it a mirror, until 'n unless it is shattered.
ज़माने भर में उलझते हैं जिन की जानिब से।
अकैले-पन में उसे हम भी क्या नहीं कहते?..... सग़ीर मलाल.....
Siding whom, often I have fought with the world.
In solitude, haven't I said
her many a word?
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