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Sunday, 3 July 2022

BASHIR BADR COUPLETS

मुझे रोक रोक पूछा तिरा हम-सफ़र कहाँ है 
मैं बोलता हूँ तो इल्ज़ाम है बग़ावत का 
मैं चुप रहूँ तो बड़ी बेबसी सी होती है 
बहुत अजीब है ये क़ुर्बतों की दूरी भी 
वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी न मिला 
हम दिल्ली भी हो आए हैं लाहौर भी घूमे 
ऐ यार मगर तेरी गली तेरी गली है 
मोहब्बत अदावत वफ़ा बे-रुख़ी 
किराए के घर थे बदलते रहे 

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