Monday, 11 July 2022

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

ज़ाहिद शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यूँ?
क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया ?
..... इब्राहिम ज़ौक़.....

O priest ! Why did I become infidel, by drinking the wine?
Was religion flooded away,
 with a few fistfuls of mine?

न तुम होश में हो, न हम होश में हैं।
चलो मय-कदे में, वहीं बात होगी।
..... बशीर बद्र.....

Neither you are in senses nor I, over here. 
Let's go to the tavern, 'll talk over there.

 पानी हिला नहीं है, अभी भी है जूँ का तूँ।
पत्थर तो एक फेंक के देखा ज़रूर है। 
..... राकेश उल्फ़त..... 

Water isn't moved to core, it's still as before. 
Yes! A stone is thrown, to see
 if it's shown. 

सब इक चिराग़ के परवाने होना चाहते हैं 
अजीब लोग हैं, दीवाने होना चाहते हैं। 
..... असद बदायूनी.....

Everyone wants to be moth of the same flame.
People are strange, like to get crazy and name.

इक रोज़ इक नदी के किनारे मिलेंगे हम। 
इक दूसरे से अपना पता पूछते हुए।
..... शहबाज़ रिज़वी.....

One day, we 'll meet near bank of a stream. 
Asking each other about our own esteem. 

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