Tuesday, 12 July 2022

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

एक ही शहर में रहना है मगर मिलना  नहीं।
देखते हैं, ये अज़िय्यत भी गवारा कर लें।
. .... ऐतबार  साजिद..... 

 Living in same city, not meeting still.
Let's tolerate the distress
 to it's fill.

ख़ामुशी अच्छी नहीं, इंकार होना चाहिए। 
ये तमाशा, अब सर-ए-बाज़ार होना चाहिए।..... ज़फ़र इक़बाल.....

Silaence is no good, full revolt it should. 
Well it should show, on streets let it grow. 

हम तो समझे थे कि, हम भूल गए हैं उन को।
क्या हुआ आज ये, किस बात पे रोना आया ? ..... साहिर लुधियानवी.....

I had so thought, I forgot her even in sleep. 
What happened today, what made me weep?

रेख़्ते के तुम्हीं उस्ताद नहीं हो 'ग़ालिब'।
कहते हैं, अगले ज़माने में कोई 'मीर' भी था।..... मिर्ज़ा ग़ालिब.....

O 'Ghalib'! You aren't rekhta's only master.
There was one 'Miir', you came much after.

हँस के फरमाते हैं वो देख के हालत मेरी। 
क्यूँ तुम आसान समझते थे मोहब्बत
 मेरी ?..... अमीर मीनाई.....

Smilingly she says, looking at my troubled lot. 
Loving me was easy, why had you so thought ? 

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