Thursday, 7 July 2022

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

जो हो सके तो चले आओ आज मेरी तरफ़।
मिले भी देर हुई और जी उदास भी है।
..... अज़ीम मुर्तज़ा.....

If possible, come on towards me. 
I am sad  'n since long no see. 

खुले मिलते हैं मुझ को दर हमेशा। 
मेरे हाथों में दस्तक भर गई है।
..... स्वप्निल तिवारी.....

I always find open, the doors. From my hands, knock pours. 

गुलशन-परस्त हूँ मुझे गुल ही नहीं  अज़ीज़।
काँटों से भी निबाह किए जा रहा हूँ  मैं।..... जिगर मोरादाबादी.....

I worship garden, not only like flowers. 
I also get along the thorny bowers. 

दूर तक ये रास्ते ख़ामोश हैं। 
दूर तक हम ख़ुद को सुनते जाएँगे। 
..... तनवीर अंजुम.....

These paths are silent for long.
I shall listen to myself for long. 

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