Tuesday, 12 July 2022

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

ख़ुदा की उस के गले में अजीब क़ुदरत है।
वो बोलता है तो इक रौशनी सी होती है। 
..... बशीर बद्र.....

There's a strange divine power in his throat. 
When he speaks, there's a light so remote. 

वो बात सारे फ़साने में जिस का ज़िक्र न था ।
वो बात उनको बहुत नागवार गुज़री है ।
..... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ..... 

Something that wasn't even  mentioned in the tale. 
To his utter dislike is, that 
very part of detail. 

तेरी याद का हर मंज़र पस-मंज़र लिखता रहता हूँ। 
दिल को वरक़ बनाता हूँ और शब भर लिखता रहता हूँ।..... कुमार पाशी.....

In the background of your memory, each spectacle I write. 
Taking my heart for a paper, I  keep writing whole night. 

खुली किताब थी फूलों भरी ज़मीं मेरी। 
किताब मेरी थी रंग-ए-किताब उस का था।..... वज़ीर आग़ा..... 

My life was an open book of  flower rich land. 
It was my book, with colours
 of that friend 

हाँ उन्हीं लोगों से दुनिया में शिकायत है मुझे। 
हाँ वही लोग जो अक्सर हमें याद आए हैं।
..... राही मासूम रज़ा..... 

O yes ! In this world, I have a complaint against all those.
O Yes !  Persons who often 
visit my memory, so close. 




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