Monday, 29 August 2022

GAUTAM.. GHAZAL.. NAHIIN MILTE HAIN DO KINAARE HAIN

नहीं मिलते हैं दो किनारे हैं,
दरिया बहते इसी सहारे हैं।

These are two shores, don't meet 
The rivers flow on this feat. 
 
इश्क़ में लोग स्वाद लेते हैं,
अगरचे अश्क होते खारे हैं।

People have a taste for love. 
Though tears are sour not sweet 
 
शब-ए-फ़िराक़ के सभी लम्हे,
हमने तन्हा कहाँ गुज़ारे हैं।

All moments of departure night 
For me, was it solitude feat? 
 
ज़िन्दगी होती नहीं ला-फ़ानी,
किसलिए करते इस्तिख़ारे हैं।

Life is not non-ending. 
 
हिज्र में अपना ग़म नहीं हमको,
बहुत उदास चाँद-तारे हैं।

I am not aggrieved to part. 
For moon, stars, it's a sad feat
 
सुब्ह-दम निकले लौटने के लिए,
और कहते रहे बंजारे हैं।

To return, started since morn'
Claimed, it's a vagabond feat. 
 
राख जैसे बुझे से चेहरे हैं,
दिल में जलते हुए अंगारे हैं।

Faces are doused like ashes. 
In heart, are embers in heat. 
 
मिल गए तो दुआ-सलाम किया,
निभाए जाते भाई-चारे हैं।

Relations are kept this way. 
We wish only if we meet. 

साथ जाते हैं लोग चार क़दम,
कूच के जब बजे नक़्क़ारे हैं।

People move along four steps 
When war drums are on beat
 
काम कोई अटक गया होगा,
बाद मुद्दत के वो पधारे हैं।

Something was still not done
It's long since she laid feet. 
 
पार एक रोज़ वो भी जायेंगे,
अभी बैठे जो इस किनारे हैं।

Some day, they too 'll cross
On shore, yet occupying seat
 
ज़बाँ पे लफ़्ज़ तल्ख़ हैं लेकिन,
नज़र में अलहदा इशारे हैं।

There are terse words on lips
But eyes show a separate feat
 
हाथ खाली हैं हमारे दोनों,
चाँद के पास सब सितारे हैं।

Both of my hands are empty. 
Moon has stars in fleet. 
 
वक़्त ने ज़ख़्म सुखाए 'गौतम',
हमने नाखून से निखारे हैं।

Time dried out the wounds. 
With nails, I freshened neat. 

-डॉ. कुँवर वीरेन्द्र विक्रम सिंह गौतम
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