Saturday, 27 August 2022

FIRAQ GORAKHPURI.. 26....COUPLETS


एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें 
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं 

Since long your memories didn't knock the door. 
And that I have forgotten 
you, isn't so any more. 
 
बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं 
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं 

I can feel her footfall very well ahead. 
O life ! I can recognize you far ahead. 
 
कोई समझे तो एक बात कहूँ 
इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं 

If one understands, I can tell in time. 
 Love is divine grace, not an act of crime. 
 
तुम मुख़ातिब भी हो क़रीब भी हो 
तुम को देखें कि तुम से बात करें 
*
You are addressing me and are so near. 
 Should I look at you or talk with, O dear!  
 
हम से क्या हो सका मोहब्बत में 
ख़ैर तुम ने तो बेवफ़ाई की 

In love, could I do any more? 
At least you were faithless to core! 
  
ग़रज़ कि काट दिए ज़िंदगी के दिन ऐ दोस्त 
वो तेरी याद में हों या तुझे भुलाने में 

O friend ! Somehow I have spent my life days. 
Whether to remember you
or forget in many ways. 
 
शाम भी थी धुआँ धुआँ हुस्न भी था उदास उदास 
दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं 

Smoky was the evening and beauty was sad. 
Some tales to heart came in memorial clad. 

आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में 'फ़िराक़' 
जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए 
*
'Firaaq' came to the tavern in a pleasant mood. 
After drinking , all he could do, was brood. 
 
अब तो उन की याद भी आती नहीं 
कितनी तन्हा हो गईं तन्हाइयाँ 
**
Now even memories do not knock. 
How solitary is the solitude  stock? 
 
 रात भी नींद भी कहानी भी 
हाए क्या चीज़ है जवानी भी 

The night, the story 'n a sleep. 
What a thing is youth to peep! 
 
ज़रा विसाल के बाद आइना तो देख ऐ दोस्त 
तिरे जमाल की दोशीज़गी निखर आई 
*
After mating, look into mirror O friendly thing. 
Your virginity has taken some gorgeous fling. 
 
इक उम्र कट गई है तिरे इंतिज़ार में 
ऐसे भी हैं कि कट न सकी जिन से एक रात 
*
Waiting for you, my life is spent. 
Some haven't even a night spent. 
 
सुनते हैं इश्क़ नाम के गुज़रे हैं इक बुज़ुर्ग 
हम लोग भी फ़क़ीर इसी सिलसिले के हैं 
*
Named Love, was one old man
We are wanderers of that clan. 
 
कौन ये ले रहा है अंगड़ाई 
आसमानों को नींद आती है 

Stretching her limbs, who is she? 
Asleep are the skies, she /all can see. 
 
इसी खंडर में कहीं कुछ दिए हैं टूटे हुए 
इन्हीं से काम चलाओ बड़ी उदास है रात 

In these ruins are broken lamps somewhere. 
Very sad is the night, make use of these here. 
 
ज़ब्त कीजे तो दिल है अँगारा 
और अगर रोइए तो पानी है 

Heart is an ember, if you try to control. 
It's water, if you cry and let it roll. 
 
लाई न ऐसों-वैसों को ख़ातिर में आज तक 
ऊँची है किस क़दर तिरी नीची निगाह भी 

It hasn't bothered about anyone till now. 
Your downcast gaze is so high somehow. 
 
कमी न की तिरे वहशी ने ख़ाक उड़ाने में 
जुनूँ का नाम उछलता रहा ज़माने में 

Your heathen didn't lessen raising dust of cloud. 
In the name of frenzy kept making world proud. 

 अहल-ए-ज़िंदाँ की ये महफ़िल है सुबूत इस का 'फ़िराक़' ।
कि बिखर कर भी ये शीराज़ा परीशाँ न हुआ। 

O 'Firaaq' this assembly of prison is a proof of that. 
Even when scattered, this gathering didn't fall flat. 

सर में सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं 
लेकिन इस तर्क-ए-मोहब्बत का भरोसा भी नहीं
 
There's no frenzy in head, no desire in heart. 
Still you can't believe love break on it's part. 

बद-गुमाँ हो के मिल ऐ दोस्त जो मिलना है तुझे 
ये झिझकते हुए मिलना कोई मिलना भी नहीं 

Meet without suspicion if you want to meet me. 
O friend this hesitant meet is no way to meet me

वक़्त-ए-ग़ुरूब आज करामात हो गई 
ज़ुल्फ़ों को उस ने खोल दिया रात हो गई 

While departing, today was a miracle indeed! 
She let loose the tress 'n it was night indeed! 

माज़ी के समुंदर में अक्सर यादों के जज़ीरे मिलते हैं 
फिर आओ वहीं लंगर डालें फिर आओ उन्हें आबाद करें 

There are islands of  memories in the sea of past. 
Let us set tents there to inhabit these at last. 

'फ़िराक़' दौड़ गई रूह सी ज़माने में 
कहाँ का दर्द भरा था मिरे फ़साने में 

O 'Firaaq' a soul ran all over universe. 
What a pain was there in my tale purse! 

रफ़्ता रफ़्ता ग़ैर अपनी ही नज़र में हो गए 
वाह-री ग़फ़लत तुझे अपना समझ बैठे थे हम 

Slowly I became a stranger to in eyes of my own. 
O oblivion, I had thought that you were my own ! 

बहसें छिड़ी हुई हैं हयात ओ ममात की 
सौ बात बन गई हैं 'फ़िराक़' एक बात में 

There are discussions in progress between death 'n life. 
O Firaaq! A hundred talks flow from each one in strife. 



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