Friday, 19 August 2022

JAAN NISAAR AKHTAR.. GHAZAL.. LOG KAHTE HAIN KI TUU AB BHI KHAFAA HAI MUJH SE.......

लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से 
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से 

People sat that you are still angry with me. 
Your eyes have something
 else to tell me. 

हाए उस वक़्त को कोसूँ कि दुआ दूँ यारो 
जिस ने हर दर्द मिरा छीन लिया है मुझ से 

Chums! Should I do curse or bless that time? 
Which has snatched every
 grief from me. 

दिल का ये हाल कि धड़के ही चला जाता है 
ऐसा लगता है कोई जुर्म हुआ है मुझ से 

Heart is in a state of persistent throbs. 
It appears, some crime is committed by me. 

खो गया आज कहाँ रिज़्क़ का देने वाला 
कोई रोटी जो खड़ा माँग रहा है मुझ से 

Today, where is the provider of food for all. 
Why someone is asking for the bread from  me. 

अब मिरे क़त्ल की तदबीर तो करनी होगी 
कौन सा राज़ है तेरा जो छुपा है मुझ से 

Now, a way has to be found to kill me
Which one of your secrets is unknown to me? 



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