Friday, 19 August 2022

KAIFI AAZMI. GHAZAL.. MAIN DHOONDHTA HUUN JISE VO JAHAAN NAHEEN MILTAA.....

मैं ढूँडता हूँ जिसे वो जहाँ नहीं मिलता 
नई ज़मीन नया आसमाँ नहीं मिलता 

The world I am in search of, isn't within reach. 
New earth and a new sky are not within reach. 

नई ज़मीन नया आसमाँ भी मिल जाए 
नए बशर का कहीं कुछ निशाँ नहीं मिलता 

Even if I can find new earth and sky. 
There is no trace of a new man within reach. 

वो तेग़ मिल गई जिस से हुआ है क़त्ल मिरा 
किसी के हाथ का उस पर निशाँ नहीं मिलता 

The sword that murdered me, had been found.
On it, fingerprints of none are within reach. 

वो मेरा गाँव है वो मेरे गाँव के चूल्हे 
कि जिन में शोले तो शोले धुआँ नहीं मिलता 

That's my village and it's hearths 
No flame, even smoke is not within reach. 

जो इक ख़ुदा नहीं मिलता तो इतना मातम क्यूँ 
यहाँ तो कोई मिरा हम-ज़बाँ नहीं मिलता 

If a god isn't found, why grieve so much. 
Here, not even my friend is within reach. 

खड़ा हूँ कब से मैं चेहरों के एक जंगल में 
तुम्हारे चेहरे का कुछ भी यहाँ नहीं मिलता

Since long I'm standing in a jungle of faces.
Nothing of your face is here, within reach. 



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