Saturday, 3 September 2022

भक्त के वश में हैं भगवान.....

बालक यह अल्पायु है, मुनि को था आभास।
शिव स्तुति करते रहो तुम, है मुझ को विश्वास। 
लिपटा वह शिवलिंग से, कर मृत्युंजय  ध्यान। 
 विफल हुए यम भी स्वयं, रखा भक्त  का मान।
किया उस को अमरत्व प्रदान। 
भक्त के वश में हैं भगवान।। 

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