Tuesday, 20 September 2022

MIR TAQI MIR.. GHAZAL.. RAAH-E-DUUR-E-ISHQ MEN ROTAA HAI HYAA.....

राह-ए-दूर-ए-इश्क़ में रोता है क्या 
आगे आगे देखिए होता है क्या 

Love's is a long way, why cry
 so? 
Just watch, what happens in show ! 

क़ाफ़िले में सुब्ह के इक शोर है 
या'नी ग़ाफ़िल हम चले सोता है क्या 

In the caravan there's  morning noise. 
O oblivious ! Why let the sleep grow? 

सब्ज़ होती ही नहीं ये सरज़मीं 
तुख़्म-ए-ख़्वाहिश दिल में तू बोता है क्या 

This territory will never turn green. 
Why in heart, seed of desire do you sow? 

ये निशान-ए-इश्क़ हैं जाते नहीं 
दाग़ छाती के अबस धोता है क्या 

Washing chest scars is just futile. 
These are love marks, will  not  go. 

ग़ैरत-ए-यूसुफ़ है ये वक़्त-ए-अज़ीज़ 
'मीर' उस को राएगाँ खोता है क्या

It's self respect of Joseph, dear time !
 Why for nothing, O 'Mir' let it go? 

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