Thursday, 22 September 2022

MIRZA GHALIB.. GHAZAL.. ISHQ MUJHH KO NAHIIN WAHSHAT HII SAHII.......

इश्क़ मुझ को नहीं वहशत ही सही 
मेरी वहशत तिरी शोहरत ही सही 

Let it be my madness, if not love. 
My madness be your fame O love ! 

क़त्अ कीजे न तअल्लुक़ हम से 
कुछ नहीं है तो अदावत ही सही 

Don't break all contacts with me. 
Let enmity be, if nothing else O love ! 

मेरे होने में है क्या रुस्वाई 
ऐ वो मज्लिस नहीं ख़ल्वत ही सही 

What's bad name in my being? 
Let solitude be if no meeting O love ! 

हम भी दुश्मन तो नहीं हैं अपने 
ग़ैर को तुझ से मोहब्बत ही सही 

After all, I am not your enemy. 
If with you,  rival has fallen in love. 

अपनी हस्ती ही से हो जो कुछ हो 
आगही गर नहीं ग़फ़लत ही सही 

Whatever happens let it be with me. 
If no awareness then oblivion O love ! 

उम्र हर-चंद कि है बर्क़-ए-ख़िराम 
दिल के ख़ूँ करने की फ़ुर्सत ही सही 

Anyway life is an electric move.
Let it be leisure to slay heart O love ! 

हम कोई तर्क-ए-वफ़ा करते हैं 
न सही इश्क़ मुसीबत ही सही 

It's not break up on my behalf. 
Let there be trouble, if it isn't love. 

कुछ तो दे ऐ फ़लक-ए-ना-इंसाफ़ 
आह ओ फ़रियाद की रुख़्सत ही सही 

Give something O unjust fate ! 
Relief from sighs 'n request O love ! 

हम भी तस्लीम की ख़ू डालेंगे 
बे-नियाज़ी तिरी आदत ही सही 

Me too will get used to accept. 
Let indifference be your habit O love ! 

यार से छेड़ चली जाए 'असद' 
गर नहीं वस्ल तो हसरत ही

' Asad' ! Let banter go on with her . 
Let there be desire if it isn't  love ! 

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