Sunday, 4 September 2022

MUNEER NIAZI.. GHAZAL.. AUR HAIN KITNII MANZILEN BAAQII

और हैं कितनी मंज़िलें बाक़ी
जान कितनी है जिस्म में बाक़ी

How many goals are left? 
What a life in body is left? 

ज़िंदा लोगों की बूद-ओ-बाश में हैं
मुर्दा लोगों की आदतें बाक़ी

Within the residence of living. 
Habits of the dead are left. 

उस से मिलना वो ख़्वाब-ए-हस्ती में
ख़्वाब मादूम हसरतें बाक़ी

Meeting her in dreams of life. 
Dream is missing, desires left. 

बह गए रंग-ओ-नूर के चश्मे
रह गईं उन की रंगतें बाक़ी

Colour 'n glow brooks swept. 
Only their colours are left. 

जिन के होने से हम भी हैं ऐ दिल
शहर में हैं वो सूरतें बाक़ी

I live' cos of them O heart. 
Those faces in city are left. 

वो तो आ के 'मुनीर' जा भी चुका
इक महक सी है बाग़ में बाक़ी 

O 'Muneer' he 's come' n gone. 
Fragrance in garden is left. 

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