मर गया आँख का ही पानी क्या?
किस ने की है दुआ मिरे हक़ में।
है अभी जग में ये नादानी क्या?
आप तो ख़ुश-फ़हम से लगते थे।
मुँह छुपाने के अब हैं मा'नी क्या?
यार अग़यार सा नहीं ही लगे ।
दोस्ती दुश्मनी का सानी क्या?
वस्ल की जब उम्मीद टूट गई।
डूब कर देखूँ अब रवानी क्या?
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