Friday, 30 September 2022

RAVI MAUN.. GHAZAL.. HAI YE IS DAUR KII KAHAANII KYAA....

है ये इस दौर की कहानी क्या? 
मर गया आँख का ही पानी क्या?

किस ने की है दुआ मिरे हक़ में। 
है अभी जग में ये नादानी क्या?

आप तो ख़ुश-फ़हम से लगते थे।
मुँह छुपाने के अब हैं मा'नी क्या?

यार अग़यार सा नहीं ही लगे । 
दोस्ती दुश्मनी का सानी क्या? 

वस्ल की जब उम्मीद टूट गई। 
डूब कर देखूँ अब रवानी क्या? 







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