Sunday, 25 September 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +7 COUPLETS.. 25.9.'22.

सातों आलम सर करने के बा'द इक दिन की छुट्टी ले कर 
घर में चिड़ियों के गाने पर बच्चों की हैरानी देखो..... शुजा ख़ावर..... 

After winning seven worlds, on leave for a day.
Children listen to bird songs at home in a way! 

ये माना मैं किसी क़ाबिल नहीं हूँ इन निगाहों में 
बुरा क्या है अगर ये दुख ये हैरानी मुझे दे दो.... . साहिर लुधियानवी..... 

I am worth nothing in those eyes, I confess. 
What's bad if you give me the 
 pain 'n distress. 

इतनी सारी यादों के होते भी जब दिल में 
वीरानी होती है तो हैरानी होती है 
..... अफ़ज़ल ख़ान..... 

With so many memories
in heart to ponder! 
That it's still a desert, 
is a matter of wonder

हफ़्ते में हैं दिन सात मगर सात दिनों में 
सिर्फ़ एक ही इतवार है मालूम नहीं क्यूँ 
..... किशन लाल ख़ंदां देहलवी.....
 
There's a seven days week, but in this show. 
Why there's only one Sunday, I don't know. 

अगर फ़ुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना 
हर इक दरिया हज़ारों साल का अफ़्साना लिखता है..... बशीर बद्र..... 

Read discourse on water, if
 you have leisure. 
Each river writes a story of years as treasure. 

फ़ुरसत में रहा करते हैं फ़ुरसत से ज़ियादा। 
मसरूफ़ हैं हम लोग ज़रूरत से ज़ियादा। 
..... सुल्तान अख़्तर..... 

To be at leisure more than leisure is the need.
 Busy more than the need
to be, is our breed. 

जी ढूँडता है फिर वही फ़ुर्सत कि रात दिन 
बैठे रहें तसव्वुर-ए-जानाँ किए हुए 
.....ग़ालिब..... 

Heart searches for the days and nights of leisure. 
Delving in the thoughts of  sweetheart 's treasure ! 

अक़्ल को तन्क़ीद से फ़ुर्सत नहीं 
इश्क़ पर आमाल की बुनियाद रख 
..... इक़बाल..... 

Head has always criticism as  case. 
Build your future with love as base. 

आने में सदा देर लगाते ही रहे तुम। 
जाते रहे हम जान से आते ही रहे तुम। 
...... नासिख़..... 

Your arrival has always been
 a matter of delay. 
I was dying , but your arrival was yet same way. 

सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी 
तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी 
..... जाँ निसार अख़्तर..... 

What will it be even with a hundred moon' s glow? 
With your arrival, this night 
now will be a show ! 

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम 
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे 
..... राहत इन्दौरी..... 

We aren't the leaves that will fall with the wind. 
Just tell the storm to keep 
it's limits in mind. 

उन की फ़रमाइश नई दिन रात है 
और थोड़ी सी मिरी औक़ात है 
..... दाग़ देहलवी..... 

Her fresh demands 
in daily courses ! 
But very limited are
 my resources.





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