Thursday, 22 September 2022

REKHTA.. TODAY'S 5+6 COUPLETS 21. . 9.'22.

जहाँ में मंज़िल-ए-मक़्सूद ढूंढने वाले।
ये कायनात की तस्वीर ही ख़याली है। 
..... शहज़ाद अहमद.....

In this world, you who are searching for the goal. 
The picture of universe is imaginary as a whole.

क़ैद-ए-मज़हब वाक़ई इक रोग है।
आदमी को चाहिए आज़ाद हो। 
..... वज़ीर अली सबा लखनवी.....

Religious bondage is really a disease.
Man should be free, feel at ease. 

ख़ाक उड़ती है तेरी गलियों में। 
ज़िन्दगी का वक़ार देखा है। 
..... साग़र सिद्दीक़ी.....

Only dust blows in your streets. 
I have seen life, honour it meets. 

पत्थरों के देस में शीशे सा है अपना वक़ार। 
देवता अपनी जगह है आदमी अपनी जगह।..... गणेश बिहारी तर्ज़.....

In this land of stones, my honour is made of glass.
 God is at His place, and 
mine is a separate class. 

ज़बान-ए-होश से ये कुफ़्र सरज़द हो नहीं सकता । 
मैं कैसे बिन पिए ले लूँ ख़ुदा का नाम है ऐ साक़ी। 
..... अब्दुल हमीद अदम..... 

While in senses, it's impious
 for me even to think. 
O barmaid how can I take His name without a drink? 

यही तो है कुफ़्र है यारान-ए-बेख़ुदी के हुज़ूर। 
जो कुफ़्र-ओ-दीं का मिरे यार इम्तियाज़ रहा।..... मिर्ज़ा अली लुत्फ़..... 

It's what companions of intoxication hide my lord ! 
To grade idolatry and Islam 
on their own  accord. 

जिसे ज़ौक़-ए-बादा-परस्ती नहीं है। 
मिरे सामने उस की हस्ती नहीं  है। 
..... मिर्ज़ा मसीता बेग मुंतही..... 

One who doesn't enjoy worship of wine.
 Before me, he does not exist, it's fine ! 

दुनिया मेरी बला जाने मंहगी है या सस्ती है? 
मौत मिले तो मुफ़्त न लूँ हस्ती की क्या हस्ती है?..... फ़ानी बदायूनी..... 

I don't care what people think, whether it's costly or cheap. 
I won't have even death for 
free, what's in life to peep? 

अपनी हस्ती से ही हो जो कुछ हो। 
आगही गर नहीं  ग़फ़लत ही सही। 
..... मिर्ज़ा ग़ालिब..... 

Whatever happens, let it be by my own. 
Let it be oblivion if not sense
 of own. 

हुई थी इक ख़ता सरज़द सो उस को मुद्दतें  गुज़रीं। 
मगर अब तक मिरे दिल से पशेमानी नहीं जाती।..... जगदीश सहाय सक्सेना..... 

A mistake was committed 
 long long ago. 
While regret in heart, even 
now doesn't go. 
 
सलवटें हैं मिरे चेहरे पे तो हैरत क्यूँ है। 
ज़िन्दगी ने मुझे कुछ तुम से ज़ियादा पहना।..... अहमद फ़राज़..... 

Why do you wonder about wrinkles of my face? 
Life has worn me more than 
you in it's pace. 

 

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