Monday, 10 October 2022

ADAA JAAFRI.. GHAZAL..


अचानक दिलरुबा मौसम का दिल-आज़ार हो जाना 
दुआ आसाँ नहीं रहना सुख़न दुश्वार हो जाना 

Sudden change of weather from pleasant to rough. 
Being uneasy to pray, 
even talks so tough. 

तुम्हें देखें निगाहें और तुम को ही नहीं देखें 
मोहब्बत के सभी रिश्तों का यूँ नादार हो जाना 

When my eyes stare, yet don't see you. 
While all love relations draw a blank bluff. 

अभी तो बे-नियाज़ी में तख़ातुब की सी ख़ुशबू थी 
हमें अच्छा लगा था दर्द का दिलदार हो जाना 

There was a fragrance of talks even unconcerned. 
I liked when pain became a pleasant stuff. 

अगर सच इतना ज़ालिम है तो हम से झूट ही बोलो 
हमें आता है पतझड़ के दिनों गुल-बार हो जाना 

If truth is so cruel, you tell lies to me. 
I know bearing in autumn, full flowery fluff. 

अभी कुछ अन-कहे अल्फ़ाज़ भी हैं कुंज-ए-मिज़्गाँ में 
अगर तुम इस तरफ़ आओ सबा-रफ़्तार हो जाना 

Unsaid words are still, in the angle of eyes. 
Gather speed of breeze if being in lane is tough. 

हवा तो हम-सफ़र ठहरी समझ में किस तरह आए 
हवाओं का हमारी राह में दीवार हो जाना 

Wind was a companion, so difficult to know. 
So winds being a wall enroute was tough. 

अभी तो सिलसिला अपना ज़मीं से आसमाँ तक था
अभी देखा था रातों का सहर-आसार हो जाना 

Still my stretch was from earth to skies.
Watched nights bearing signs of morn' in a huff. 

हमारे शहर के लोगों का अब अहवाल इतना है 
कभी अख़बार पढ़ लेना कभी अख़बार हो जाना

The state of people in my city is such. 
At times, reading news or being it's stuff. 

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