मैं तो जानूँ एक ही नर वृंदावन माहिं।
वो गिरिधर गोपाल हैं और दूसरो नाहिं।
नारी का प्रवेश वर्जित है, इस मंदिर के द्वार।
आप यहाँ क्या कर रहे, कीजे तनिक विचार?
मीराबाई बोलीं, मेरा तो बस यह ही ज्ञान। आत्मा तो है पुरुष ही, हर प्राणी में आन।
चरण पकड़ कर गिर पड़ा, माता करें प्रवेश !
आँखें खोलीं आपने, है निवास किस
देश ?
bahut badhiya
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