Friday, 14 October 2022

REKHTA.. TODAY'S 5..+17. COUPLETS

ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम 
मुर्दा-दिल ख़ाक जिया करते हैं 
..... नासिख़..... 

Being lively, is life's name. 
Behaving as dead, is a shame. 

आग थे इब्तिदा-ए-इश्क़ में हम 
अब जो हैं ख़ाक इंतिहा है ये 
..... मीर तक़ी मीर..... 

I was fire at love 's start.
I am dirt, as it's final part. 

मिलाते हो उसी को ख़ाक में जो दिल से मिलता है 
मिरी जाँ चाहने वाला बड़ी मुश्किल से मिलता है..... दाग़ देहलवी..... 

You raze him to dust, who  meets with heart. 
Meeting one who loves, is
 a difficult part ! 

उसी को कहते हैं जन्नत उसी को दोज़ख़ भी 
वो ज़िंदगी जो हसीनों के दरमियाँ गुज़रे 
..... जिगर मुरादाबादी..... 

It's known as heaven and also hell. 
Life passed with lovely dames is swell. 

ख़ैर दोज़ख़ में मय मिले न मिले 
शैख़-साहब से जाँ तो छुटेगी 
..... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़..... 

Whether or not, in heaven, you get wine. 
You 'll be relieved of priest, that's fine ! 

मैं समझता हूँ कि है जन्नत ओ दोज़ख़ क्या चीज़ 
एक है वस्ल तिरा एक है फ़ुर्क़त तेरी 
..... जलील मानिकपुरी ..... 

I know what's heaven and what's hell. 
One is your meeting, other is parting spell. 

जन्नत - ओ-दोज़ख़ हैं अब मेरी नज़र के सामने।
घर रक़ीबों ने बनाया  उस के घर के सामने 
... पंडित दया शंकर नसीम लखनवी... 

Heaven and hell now, my eyes confront.
Rivals made homes in lover's front. 

बस जान गया मैं तिरी पहचान यही है 
तू दिल में तो आता है समझ में नहीं आता..... अकबर इलाहाबादी..... 

I know now that this is your mark. 
You are in heart but out of 
mind arch! 

बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं 
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं 
..... फ़िराक़ गोरखपुरी..... 

From a distance I can discern her footfall. 
O life! I recognize you from far after all. 

तुम ये कहते हो कि मैं ग़ैर हूँ फिर भी, शायद 
निकल आए कोई पहचान, ज़रा देख तो लो..... जावेद अख्तर..... 

You call me a stranger , but it may be so. 
Just see, a relation may exist there, Lo ! 

तेरी पहचान के लाखों अंदाज़ 
सर झुकाना ही इबादत तो नहीं 
..... परवीन फ़ना सैयद..... 

Your recognition is in a million ways. 
Not only bending head by one who prays. 

आने वाले जाने वाले हर ज़माने के लिए 
आदमी मज़दूर है राहें बनाने के लिए 
..... हफ़ीज़ जालंधरी..... 

For each generation that comes and goes. 
Man paves ways, it's 
 labourer's woes ! 

पेड़ के नीचे ज़रा सी छाँव जो उस को मिली 
सो गया मज़दूर तन पर बोरिया ओढ़े हुए 
..... शारिब मोरान्वी..... 

Getting a little shade under the tree. 
Covered with sack, labourer slept free. 

कुचल कुचल के न फ़ुटपाथ को चलो इतना 
यहाँ पे रात को मज़दूर ख़्वाब देखते हैं 
..... अहमद सलमान..... 

Don't stomp and crush footpath during walk. 
Labourers dream here at night, the in stock. 

तामीर-ओ-तरक़्क़ी वाले हैं कहिये भी तो उन को क्या कहिये। 
जो शीश-महल में बैठे हुए मज़दूर की बातें करते हैं..... ओबैदुर रहमान..... 

To men of built-o-progress, how to express our grouse? 
Who talk about the labourer,
 sitting in a glasshouse. 

लहू न हो तो क़लम तर्जुमाँ नहीं होता 
हमारे दौर में आँसू ज़बाँ नहीं होता 
..... वसीम बरेलवी..... 

Without blood, about present, 
pen can not express. 
In our age, tears don't whole heartedly address. 

बच्चों की फ़ीस उन की किताबें क़लम दवात 
मेरी ग़रीब आँखों में स्कूल चुभ गया 
..... मुनव्वर राना..... 

Children 's fees, books, pen 'n inkpot.
In my poor eyes,  school hurt 
a lot! 

मुझ से क्या बात लिखानी है कि अब मेरे लिए 
कभी सोने कभी चाँदी के क़लम आते हैं 
..... बशीर बद्र..... 

What do they want me to write, that for me now? 
Some bring golden, others 've silver pens, wow! 

क़लम उठाऊँ कि बच्चों की ज़िंदगी देखूँ 
पड़ा हुआ है दोराहे पे अब हुनर मेरा
..... लईक़ आजिज़..... 

Should I pick up the pen or look at children lives in den? 
On this two ways bend, my skills are laid now and then. 

काँटों से दिल लगाओ जो ता-उम्र साथ दें 
फूलों का क्या जो साँस की गर्मी न सह सकें..... अख़्तर शीरानी..... 

Tag your heart with the thorns, which will last life long. 
What to talk about flowers, that find breath - heat strong. 

शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए 
ऐसी गर्मी है कि पीले फूल काले पड़ गए 
..... राहत इन्दौरी.... 

What about city, where each spectre is webbed one ! 
Heat is so intense that even yellow flowers darken. 

गर्मी से मुज़्तरिब था ज़माना ज़मीन पर 
भुन जाता था जो गिरता था दाना ज़मीन पर..... मीर अनीस..... 

Every one on land, was agitated with heat. 
Each grain that fell, got roasted well to eat. 

देखेंगे मेरी आहों के इक दिन असर को आप
आएँगे लौट कर यहीं थामे जिगर को आप
..... मिर्ज़ा हसन नासिर.... 

One day, you will notice the effect of my sighs. 
You will return here, holding heart before skies ! 

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