ज़ाहिद ने मिरा हासिल-ए-ईमाँ नहीं देखा
रुख़ पर तिरे ज़ुल्फ़ों को परेशाँ नहीं देखा
..... असग़र गोंडवी.....
My gain of beliefs is not seen by the priest.
Distressed tress on your face, not at least.
ऐ जुनूँ फिर मिरे सर पर वही शामत आई
फिर फँसा ज़ुल्फ़ों में दिल फिर वही आफ़त आई..... आसी ग़ाज़ीपुरी.....
O frenzy! I am struck by the same trouble again.
My heart's tucked in tress, same trouble again.
छेड़ती हैं कभी लब को कभी रुख़्सारों को
तुम ने ज़ुल्फ़ों को बहुत सर पे चढ़ा रक्खा है..... ग़ौस ख़ां मसीह हैदराबादी.....
At times it tickles your cheeks and lips.
You have given the tress, many heady tips.
हम हुए तुम हुए कि 'मीर' हुए
उस की ज़ुल्फ़ों के सब असीर हुए
..... मीर तक़ी मीर.....
'Mir', him or you to address.
All are captives of her tress
दुश्मनों से पशेमान होना पड़ा है
दोस्तों का ख़ुलूस आज़माने के बाद
..... ख़ुमार बारहबंकवी.....
I have been repentent about the foes.
Seeing that integrity of friends goes.
सहता रहा जफ़ा-ए-दोस्त कहता रहा अदा-ए-दोस्त
मेरे ख़ुलूस ने मिरा जीना मुहाल कर दिया
...... फ़ना निज़ाम कानपुरी .....
It's her style, so I tolerated faithless trouble.
My integrity has put my life in trouble.
नहीं इलाज-ए-ग़म-ए-हिज्र-ए-यार क्या कीजे
तड़प रहा है दिल-ए-बे-क़रार क्या कीजे
...... जिगर बरेलवी.....
Pain of separation can't be cured, what to do?
Agitated is the restless heart, what to do?
अपने सब यार काम कर रहे हैं
और हम हैं कि नाम कर रहे हैं
..... जौन एलिया.....
All my friends are doing some work.
Making a name is how I work.
हम से कोई तअल्लुक़-ए-ख़ातिर तो है उसे
वो यार बा-वफ़ा न सही बेवफ़ा तो है
..... जमील मलिक.....
Some lovely relation with her surely exists.
If not faithful, as faithless,she surely exists.
हम को यारों ने याद भी न रखा
'जौन' यारों के यार थे हम तो
..... जौन एलिया.....
I wasn't even remembered by friends.
'Jaun'! I had been a friend of friends.
दैर में है काबे में सनम मयख़ाने में और मस्जिद में
जल्वा-गर सब में है मिरा यार है अल्लाह अल्लाह..... वलीउल्ला मुहिब.....
Seated in temple, kaaba, mosque and tavern.
O God! My lover is present
all over, I learn.
ऐ याद-ए-यार देख कि ब-वस्फ़-ए-दर्द
-ए-हिज्र
मसरुर हैं तिरी ख़लिश-ए-ना-तवां से हम..... हसरत मोहानी.....
Look O memory! At the quality of departure pain.
I am happy with her mild princklings again.
ईद पर मसरूर हैं दोनों मियाँ बीवी बहुत
इक ख़रीदारी से पहले इक ख़रीदारी के ब'अद..... सरफराज़ शाहिद.....
On Eid, very happy is couple with the laughter.
One before purchase, the other there after.
न वो सूरत दिखाते हैं न मिलते हैं गले आ कर
न आँखें शाद होतीं हैं न दिल मसरूर होता है..... लाला माधव राम जौहर.....
Neither she shows her face, nor does she embrace.
Neither eyes are happy, nor
the heart in this case.
मसरूर हो रहे हैं ग़म-ए-आशिक़ी से हम
क्यूँ तंग होंगे कश्मकश-ए-ज़िन्दगी से हम
..... अबु मोहम्मद वासिल बहराइची .....
I am very happy with the griefs of love.
Why be sad with life tussle over 'n above?
तू समझता है मुझे हर्फ़-ए-मुकर्रर लेकिन
मैं सहीफ़ा हूँ तिरे दिल पे उतरने वाला
..... सिदहत-उल-अख़्तर.....
You think that I am a word repeated by mistake.
But I am the Holy Book that your heart will take.
एक दिन अपना सहीफ़ा मुझ पे नाज़िल हो गया
उस को पढ़ते ही मिरी सारी ख़ताएँ मर गईं..... रफ़ी रज़ा.....
My little book alighted on me and said
All of my sins fled after I had read.
एक इक लफ़्ज़ से मअनी की किरन फूटती है
रौशनी में पढ़ा जाता है सहीफ़ा मेरा
..... गुलाम मुर्तज़ा राही.....
From each word, radiates a ray of meaning,work of art.
My holy book is read when light is gleaming from heart.
ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है
उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है..... हैदर अली आतिश.....
O sweetheart! One who gave you the moon face.
That very God gave me love
in it's place.
ऐ सनम वस्ल की तदबीरों से क्या होता है
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है
..... मिर्ज़ा रज़ा बर्क़.....
O lover! By provisions of meeting what 'll happen?
What's agreeable to God,
only that will happen.
हुस्न और इश्क़ दोनों में तफ़रीक़ है पर इन्हीं दोनों पे मेरा ईमान है
गर ख़ुदा रूठ जाए तो सज्दे करूँ और सनम रूठ जाए तो मैं क्या करूँ
..... ताबिश कानपुरी.. ...
Love 'n beauty are in contrast, but my faith on both is fast.
I pray if God is angry, if lover's sly, what can I try?
ग़ैर-मुमकिन है कि मिट जाए सनम की सूरत
दिल का ये नक़्श नहीं नक़्श-ए-क़दम की सूरत..... वाहिद प्रेमी.....
It's impossible to erase lover's faceprint
This heart print isn't alike a footprint.
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