अजीब लोग हैं दीवाने होना चाहते हैं
..... असअ'द बदायूनी.....
Everyone wants to be moth of the same flame.
People are strange, want to join the crazy game.
एक ही शय थी ब-अंदाज़-ए-दिगर माँगी थी
मैंने बीनाई नहीं तुझ से नज़र माँगी थी
..... इज़हार असर.....
I had only asked for a thing
in different style.
Not sight but I needed your view all the while.
कोई है मस्त कोई तिश्ना-काम है साक़ी
ये मय-कदे का तिरे क्या निज़ाम है साक़ी
..... पारसा कौसरी.....
Some are drunk, others thirsty wine girl.
What a way to manage tavern wine girl?
मौज मौज तूफ़ाँ है मौज मौज साहिल है
कितने डूब जाते हैं कितने बच निकलते हैं..... सहबा लखनवी.....
Ecstatic are the waves in tempest, on shore.
Some get drowned, others
reach the shore.
करोगे याद तो हर बात याद आएगी
गुज़रते वक़्त की हर मौज ठहर जाएगी
..... बशर नवाज़.....
If you remember, every thing you will recall.
Each wave of the moving time will stall.
जब सफ़ीना मौज से टकरा गया
नाख़ुदा को भी ख़ुदा याद आ गया
..... फ़ना निज़ाम कानपुरी.....
When with the shore, banged
a boat.
Even boatsman recalled God remote.
बचा लिया मुझे तूफ़ाँ की मौज ने वर्ना
किनारे वाले सफ़ीना मिरा डुबो देते
..... मजरूह सुल्तानपुरी.....
I was saved by the tempest waves, remote.
Otherwise those on shore, 'd drown my boat.
ऐ मुसहफ़ी सद-शुक्र हुआ वस्ल मयस्सर
इफ्तार किया रोज़े में उस लब के रोतब से।..... मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी.....
'Mashafi'! Many thanks, I had her meeting dates .
I broke eve' breakfast with
Eve's shapely dates .
हम काफ़िरों ने शौक़ में रोज़ा तो रख लिया
अब हौसला बढ़ाने को इफ़्तार भी तो हो
..... भारत भूषण पंत.....
We infidels, for hobby, have kept the fast.
To keep courage now, is needed a breakfast.
होगा किसी दीवार के साए में पड़ा 'मीर'
क्या रब्त मोहब्बत से उस आराम-तलब को..... मीर तक़ी मीर.....
'Mir' must be sleeping in the shadow of some wall.
Being involved in love isn't
that lazy man's call.
मकीं जब नींद के साए में सुस्ताने लगें 'ताबिश'
सफ़र करते हैं बस्ती के मकां आहिस्ता आहिस्ता..... अब्बास ताबिश.....
'Taabish' when residents rest in shade of sleep.
Houses of village slowly travel for it's upkeep.
ये कह के दिल ने मिरे हौसले बढ़ाए हैं
ग़मों की धूप के आगे ख़ुशी के साए हैं
..... माहिर-उल-क़ादरी.....
Heart has kept my courage saying so.
Next to grief sun are shades
of joy, lo !
अपने साए से चौंक जाते हैं
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा
...... गुलज़ार.....
I am so startled by shadow of my own.
Solitude has pervaded life of my own.
उन की निगाह-ए-नाज़ की गर्दिश के साथ साथ
महसूस ये हुआ कि ज़माना बदल गया
..... शौकत परदेसी.....
With a revolutionary change
in her graceful view.
It appeared as if that was a change in world view.
No comments:
Post a Comment