कोई रेल की सीटी सुन कर सोते से उठ जाता है..... साबिर वसीम.....
Whom to long for, who is the one to come?
Listening railway whistle, out of sleep I come .
सुब्ह-ए-काज़िब की हवा में दर्द था कितना 'मुनीर'
रेल की सीटी बजी तो दिल लहू से भर गया..... मुनीर नियाज़ी.....
'Muneer'! What a pain was in wind of false dawn.
With a railway whistle, blood filled the heart lawn.
रहता है इबादत में हमें मौत का खटका
हम याद-ए-ख़ुदा करते हैं कर ले न ख़ुदा याद..... अकबर इलाहाबादी.....
There's a huge risk of death when I pray.
I remember God, what if he may.
मौत का एक दिन मुअय्यन है
नींद क्यूँ रात भर नहीं आती... ग़ालिब...
Day of death is fixed tight.
Why can't I sleep whole night?
मौत का भी इलाज हो शायद
ज़िंदगी का कोई इलाज नहीं
..... फ़िराक़ गोरखपुरी.....
May be for death, there's cure.
For life there's none for sure.
उस ने अपना बना के छोड़ दिया
क्या असीरी है क्या रिहाई है
..... जिगर मुरादाबादी.....
She owned and then let release.
O what a capture, what a release!
वफ़ा की ख़ैर मनाता हूँ बेवफ़ाई में भी
मैं उस की क़ैद में हूँ क़ैद से रिहाई में भी
..... इफ़्तिख़ार आरिफ़....
I wish for her faith even when faith isn't found.
I remain her captive, even when I am not bound.
मौत भी दूर बहुत दूर कहीं फिरती है
कौन अब आ के असीरों को रिहाई देगा
..... मोहम्मद अल्वी.....
Even death strolls at
distance very very far.
Who'll come to release
captives from far?
तुम्हारी ज़ात हवाला है सुर्ख़-रूई का
तुम्हारे ज़िक्र को सब शर्त-ए-फ़न बनाते हैं
..... अमीर हम्ज़ा साक़िब.....
Your creed is surely an example of the success.
Your mention by all, is condition of art address.
उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद
वक़्त कितना क़ीमती है आज कल
..... शकील बदायूनी.....
Her memories, desires, mention of her state.
How precious is my time
these days, of late?
चला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का
सो आ गया है तुम्हारा ख़याल वैसे ही
..... अहमद फ़राज़....
Under discussion was age's faithless state.
Your thought has crept in
just in a spate.
बस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने में
कि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में
..... कैफ़ी आज़मी.....
I hesitate while reciting the condition of heart.
Your mention will be there
in the tale as a part.
मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर
मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया
..... साग़र सिद्दीक़ी.....
Sir! I am not an angel but just a man
Disturbed by self, I took to the
can.
कुछ ग़म-ए-जानाँ कुछ ग़म-ए-दौराँ दोनों मेरी ज़ात के नाम
एक ग़ज़ल मंसूब है उस से एक ग़ज़ल हालात के नाम.... मंज़ूर अहमद....
Partly her pain, partly that of age, both are in my name.
One ghazal is for my lover, other in conditions' name.
वो तड़प जाए इशारा कोई ऐसा देना
उस को ख़त लिखना तो मेरा भी हवाला देना..... अज़हर इनायती.....
So that she gets agitated, make such a sign.
Penning her a letter, mention me too as design.
न जाने शे'र में किस दर्द का हवाला था
कि जो भी लफ़्ज़ था वो दिल दुखाने वाला था..... सलीम अहमद.....
I know not, in the couplet, was a mention of which pain.
Each word filled the heart with pain over and again.
वो सामने हैं मगर तिश्नगी नहीं जाती
ये क्या सितम है कि दरिया सराब जैसा है
..... अज्ञात.....
She is face to face but the thirst persists.
That river is a mirage, what
a pity, exists.
अब तो सराब ही से बुझाने लगे हैं प्यास
लेने लगे हैं काम यक़ीं का गुमाँ से हम
..... राजेश रैड्डी.....
Now from mirage, I am quenching my thirst.
Now I am using fancy for convincing me first.
इतनी कुदूरत अश्क में हैराँ हूँ क्या कहूँ
दरिया में है सराब कि दरिया सराब में
..... मोमिन ख़ान मोमिन.....
Such a resentment with tears, it's a surprise what to say?
Whether it's a river in mirage or otherwise what to say?
हम को भी ख़ुश-नुमा नज़र आई है ज़िन्दगी
जैसे सराब दूर से दरिया दिखाई दे
..... महशर बदायूनी.....
Life looks pleasant to me too, from far.
As a mirage looks like a river from far.
कभी तो यूँ कि मकाँ का मकीं नहीं होता
कभी कभी तो मकीं का मकां नहीं होता
..... नदीम भाभा अहमद.....
At times there's no resident for house, so to say.
At times there's no house for resident, so to say.
No comments:
Post a Comment