दिल जिस से मिल गया वो दोबारा नहीं मिला..... मुस्तफ़ा ज़ैदी.....
Footprints were not there after the hurricane.
With whom the heart tags, isn't seen again.
यादों की रेल और कहीं जा रही थी फिर।
ज़ंजीर खेंच कर ही उतरना पड़ा मुझे।
..... ज़ेहरा शाह.....
Train of memories was taking me elsewhere again.
I had to be get down by pulling chain of the train.
कोई पाबंद-ए-मोहब्बत ही बता सकता है
एक दीवाने का ज़ंजीर से रिश्ता क्या है
..... फ़ना निज़ामी कानपुरी.....
Only a true lover can so state.
Relation a lunatic 'n chain have mate !
तू मुझे छोड़ के ठुकरा के भी जा सकती है
तेरे हाथों में मिरे हाथ हैं ज़ंजीर नहीं
..... साहिर लुधियानवी.....
You can leave or even kick me aside.
Not chain, but with you my hand is tied.
देख ज़िंदाँ से परे रंग-ए-चमन जोश-ए-बहार
रक़्स करना है तो फिर पाँव की ज़ंजीर न देख.....मजरुह सुल्तानपुरी.....
Look beyond bars, garden colours and springing spring.
If you want to dance, don't look at the chains that kling.
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते
..... बशीर बद्र....
Let the birds fly in bold winds still.
Childhood time never returns to fill.
दुआएँ याद करा दी गई थीं बचपन में
सो ज़ख़्म खाते रहे और दुआ दिए गए हम..... इफ़्तिख़ार आरिफ़.....
Since childhood, prayers were crammed in mind.
So I kept on praying with wound of each kind.
मेरा बचपन भी साथ ले आया
गाँव से जब भी आ गया कोई
..... कैफ़ी आज़मी.....
My childhood was brought back to light.
Whenever one came from
the home site.
तू कहानी ही के पर्दे में भली हगती है।
ज़िन्दगी तेरी हक़ीक़त नहीं देखी जाती।.....अख़्तर सईद ख़ान.....
You look good, only on the screen.
O life ! Your truth can't be
seen.
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