Thursday, 6 October 2022

REKHTA.. TODAY'S 5.+16 COUPLETS..

प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है। 
नए परिन्दों को उड़ने में वक़्त तो लगता है..... हस्ती मल हस्ती..... 

Composing first letter of love, well it takes some time. 
Fledglings to fly in sky, well it takes some time. 

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में 
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में 
..... गुलज़ार..... 

I met people like fragrance in tale. 
Unknowningly, opened one old mail. 

क्या जाने क्या लिखा था उसे इज़्तिराब में 
क़ासिद की लाश आई है ख़त के जवाब में.....मोमिन ख़ान मोमिन..... 

I know not what was written to her in perturbance
Corpse of messanger has come as reply in essence . 

ज़िंदगी कम पढ़े परदेसी का ख़त है 'इबरत' 
ये किसी तरह पढ़ा जाए न समझा जाए 
..... इबरत मछलीशहरी..... 

'Ibrat'!  Life is a letter of less literate in exile. 
You can't read or understand it in a while. 

तिरे वा'दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाए 
कोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए..... फ़ना निज़ामी कानपुरी ..... 

How far on your hopes can be hoaxed my heart? 
Make an excuse that it breaks hope of each sort. 

तुम नहीं पास कोई पास नहीं 
अब मुझे ज़िंदगी की आस नहीं 
..... जिगर बरेलवी..... 

You are not near, none is near. 
Now I don't hope for life O dear! 

आस में तेरी बिखरा देता हूँ कमरे की सब चीज़ें। 
आस बिखरने पर सब चीज़ें ख़ुद ही उठा कर रखता हूँ।..... अजमल सिद्दीक़ी..... 

In your hope, I scatter everything in the room. 
I gather the litter, when 
hope reaches doom. 

ज़बाँ ज़बाँ पे शोर था कि रात ख़त्म हो गई। 
यहाँ सहर की आस में हयात ख़त्म हो गई..... महताब ज़फ़र..... 

Each tongue made a noise that  night is over. 
Awaiting the dawn, my life was over. 

अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएँगे 
मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएँगे 
..... इब्राहिम ज़ौक़..... 

Now perplexed, he is just talking about death. 
Where to go, if there isn't
 peace after death? 

ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता 
एक ही शख़्स था जहान में क्या? 
..... जौन एलिया..... 

Why am I not getting peace?  
Was she here, only one piece? 

कुछ ख़बर है तुझे ओ चैन से सोने वाले 
रात भर कौन तिरी याद में बेदार रहा 
..... हिज्र नाज़िम अली ख़ान..... 

Are you aware, while having a peaceful sleep? 
Night long in your memories, who couldn't sleep? 

तर्क-ए-तअल्लुक़ात पे रोया न तू न मैं 
लेकिन ये क्या कि चैन से सोया न तू न मैं 
..... ख़ालिद अहमद..... 

After this break up, neither I wept nor you. 
But why in peace, neither I  slept nor you? 

न जाने रूठ के बैठा है दिल का चैन कहाँ 
मिले तो उस को हमारा कोई सलाम कहे 
..... कलीम आज़िज़..... 

I know not where peace of heart is sitting cute? 
If one happens to meet, 
please say, I salute. 

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा 
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा 
..... गुलज़ार..... 

Life was passed this way, desolate. 
With caravan I was on way, desolate. 

अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो 
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो..... मुनव्वर राना..... 

My journey of life, now put at ease. 
In dreams, do not disturb me please ! 

किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल 
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा 
..... अहमद फ़राज़..... 

Getting out of home, someone reached goal. 
I was on the way for life as a whole. 

ज़रा सा साथ दो ग़म के सफ़र में। 
ज़रा सा मुस्करा दो थक गया हूँ।
..... लियाक़त अली आसिम..... 

Just join me in this journey of grief.
I am exhausted, smile even if brief. 

आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है 
भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है 
..... वसीम बरेलवी..... 

The sky is very proud of being so high. 
Forgets, only from earth, you see the sky. 

भाँप ही लेंगे इशारा सर-ए-महफ़िल जो किया 
ताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं 
..... लाला माधव लाल जौहर..... 

If signalled in meeting, one'll get a clue. 
People have hawk's eye, will  get their due. 

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे 
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे 
..... वसीम बरेलवी..... 

What's evident from face, how can I conceal? 
According to your wish, how can I reveal? 

याद आई वो पहली बारिश। 
जब तुझे एक नज़र देखा था। 
..... नासिर काज़मी..... 

I recollect that first rain instance. 
When I got your glimpse
 just once. 









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