Tuesday, 4 October 2022

JAUN ELIA .. GHAZAL.. TUU BHII CHUP HAI MEIN BHI CHUP HUUN YE KAISII TANHAAII HAI...

तू भी चुप है मैं भी चुप हूँ ये कैसी तन्हाई है 
तेरे साथ तिरी याद आई क्या तू सच-मुच आई है 

You are silent and me too, 
what a lone feeling has to do? 
Your memories 've come with you, have you really come too? 

शायद वो दिन पहला दिन था पलकें बोझल होने का 
मुझ को देखते ही जब उस की अंगड़ाई शर्माई है 

Probably it was first day, when eyelashes drooped on way. 
When she simply looked at me  then twisting arms felt shy too. 

उस दिन पहली बार हुआ था मुझ को रिफ़ाक़त का एहसास 
जब उस के मल्बूस की ख़ुश्बू घर पहुँचाने आई है 

That day first time I could feel companionship and it's deal. 
when fragrance of her garment has made me reach home too. 

हुस्न से अर्ज़-ए-शौक़ न करना हुस्न को ज़क पहुँचाना है 
हम ने अर्ज़-ए-शौक़ न कर के हुस्न को ज़क पहुँचाई है 

If desire you do not express, before beauty it is a  distress . Not telling beauty our desire, we have  insulted beauty too. 

हम को और तो कुछ नहीं सूझा अलबत्ता उस के दिल में 
सोज़-ए-रक़ाबत पैदा कर के उस की नींद उड़ाई है 

Nothing else had come to mind but within her heart to grind. 
Setting companionship afire, got sleep out of her eyes too. 

हम दोनों मिल कर भी दिलों की तन्हाई में भटकेंगे 
पागल कुछ तो सोच ये तू ने कैसी शक्ल बनाई है 

Even if we happened to meet, for hearts it 'd be a lonely feat. 
O lunatic you just review, what a sorry face for you is due. 

इशक़-ए-पेचाँ की संदल पर जाने किस दिन बेल चढ़े 
क्यारी में पानी ठहरा है दीवारों पर काई है 


हुस्न के जाने कितने चेहरे हुस्न के जाने कितने नाम 
इश्क़ का पेशा हुस्न-परस्ती इश्क़ बड़ा हरजाई है 

आज बहुत दिन बा'द मैं अपने कमरे तक आ निकला था 
जूँ ही दरवाज़ा खोला है उस की ख़ुश्बू आई है 

एक तो इतना हब्स है फिर मैं साँसें रोके बैठा हूँ 
वीरानी ने झाड़ू दे के घर में धूल उड़ाई है 

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