Sunday, 13 November 2022

BASHIR BADR.. GHAZAL.. AGAR YAQEEN NAHIIN AATA TO AAZMAAYE MUJHE.....

अगर यक़ीं नहीं आता तो आज़माए मुझे 
वो आइना है तो फिर आइना दिखाए मुझे 

Let him try me out, if he doesn't believe. 
If he is a mirror then make me perceive. 

अजब चराग़ हूँ दिन रात जलता रहता हूँ 
मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे 

I am a strange lamp alit day 'n night. 
I am tired, tell the wind to snuff out in eve' . 

मैं जिस की आँख का आँसू था उस ने क़द्र न की 
बिखर गया हूँ तो अब रेत से उठाए मुझे 

I am was his tear but he didn't care. 
Now that I have dropped, from sand retrieve. 

बहुत दिनों से मैं इन पत्थरों में पत्थर हूँ 
कोई तो आए ज़रा देर को रुलाये मुझे 

I am a stone among stones since many days. 
Let one make me cry for a while to relieve. 

मैं चाहता हूँ कि तुम ही मुझे इजाज़त दो 
तुम्हारी तरह से कोई गले लगाए मुझे

I want you to permit me this way.
Someone like you should embrace 'n grieve. 

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