Thursday, 10 November 2022

HASARAT MOHANI.. GHAZAL.. CHUPKE CHUPKE RAAT DIN AANSUU BAHAANAA YAAD HAI....

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है 
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है 

Silently shedding tears day 'n night, I recollect still.
 That period of love, even now, I recollect to fill. 

बार बार उठना उसी जानिब निगाह-ए-शौक़ का 
और तिरा ग़ुर्फ़े से वो आँखें लड़ाना याद है 

Times and again, gazing with look of love. 
And your focus on the window, I recollect still. 

तुझ से कुछ मिलते ही वो बेबाक हो जाना मिरा
और तिरा दाँतों में वो उँगली दबाना याद है 

My getting fearless, after meeting with you. 
Your pressing finger in teeth, I recollect still. 

खींच लेना वो मिरा पर्दे का कोना दफ़-अतन
और दुपट्टे से तिरा वो मुँह छिपाना याद है

My pulling corner of curtain, all of a sudden.
Your hiding the face by scarf, I recollect still. 

जान कर सोता तुझे वो क़स्द-ए-पा-बोसी मिरा 
और तिरा ठुकरा के सर वो मुस्कुराना याद है 

Thinking you are asleep, my effort to kiss the foot. 
Your shaking head with a smile, I recollect still. 

तुझ को जब तन्हा कभी पाना तो अज़-राह-ए-लिहाज़ 
हाल-ए-दिल बातों ही बातों में जताना याद है

By being considerate, while finding you alone. 
Telling my heart felt talks, I recollect still. 

ग़ैर की नज़रों से बच कर सब की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ 
वो तिरा चोरी-छुपे रातों को आना याद है 

Avoiding being viewed, against wishes of all. 
Your stealthy arrival at nights, I recollect still. 

आ गया गर वस्ल की शब भी कहीं ज़िक्र-ए-फ़िराक़ 
वो तिरा रो रो के मुझ को भी रुलाना याद है 

A mention of departure on the night when we met. 
Your crying 'n making me cry, I recollect still 

दोपहर की धूप में मेरे बुलाने के लिए 
वो तिरा कोठे पे नंगे पाँव आना याद है 

To call for me in the mid-day sun. 
Your coming bare foot on roof, I recollect still. 

आज तक नज़रों में है वो सोहबत-ए-राज़-ओ-नियाज़ 
अपना जाना याद है तेरा बुलाना याद है 

That secret company I retain in my eyes. 
Calling you and my going, I recollect still. 

मीठी मीठी छेड़ कर बातें निराली प्यार की 
ज़िक्र दुश्मन का वो बातों में उड़ाना याद है 

Starting with sweet nothings about  love game. 
Wishing away rival in talks, I  recollect still. 

देखना मुझ को जो बरगश्ता तो सौ सौ नाज़ से 
जब मना लेना तो फिर ख़ुद रूठ जाना याद है 

Finding me angry, by a hundred graceful ways. 
Persuading, then getting angry, I  recollect still 

चोरी चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह 
मुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो ठिकाना याद है 

The place where you stealthily come to meet. 
Lot of time has passed, but I recollect still. 

शौक़ में मेहंदी के वो बे-दस्त-ओ-पा होना तिरा
और मिरा वो छेड़ना वो गुदगुदाना याद है 

Your being helpless with hennaed hands and feet. 
While my teasing 'n tickling, I  recollect still. 


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