हर दर पे जो झुक जाए उसे सर नहीं कहते..... बिस्मिल सईदी.....
Where heads don't bow is no door worth a show
Bowing at each door, isn't head worth a score.
रास्ता सोचते रहने से किधर बनता है
सर में सौदा हो तो दीवार में दर बनता है
..... जलील आली.....
A route isn't secured by thinking alone.
Wall gives way with frenzy
in head zone.
फ़ज़ा उदास है रुत मुज़्महिल है मैं चुप हूँ
जो हो सके तो चला आ किसी की ख़ातिर तू..... अहमद फ़राज़.....
Weather is sad, I am silent and bone tired .
If possible, come for someone, get hired.
मत बैठ आशियाँ में परों को समेट कर
कर हौसला कुशादा फ़ज़ा में उड़ान का
..... महफूज़- उर - रहमान आदिल.....
Don't pack your wings and sit in the nest rings.
With courage on display, fly out come what may.
खुली फ़ज़ा में अगर लड़खड़ा के चल न सकें
तो ज़हर पीना है बेहतर शराब पीने से
..... शहज़ाद अहमद.....
If in an open atmosphere, you can't stagger and stear.
It's better poison be sipped, than wine can be lipped.
इल्म में भी सुरूर है लेकिन
ये वो जन्नत है जिस में हूर नहीं
..... अल्लामा इक़बाल.....
In knowledge there's mild intoxication and delight.
In this heaven are no houries
in accompanying flight.
चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है
मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है
..... मुनव्वर राना.....
In her moving eyes, prayer I have seen.
I haven't seen heaven, mother I 've seen.
हम को जन्नत की फ़ज़ा से भी ज़ियादा है कि अज़ीज़
यही बे-रंग सी दुनिया यही बे-मेहर से लोग..... सेहर अंसारी.....
I like these more than heaven weather core.
These kindless men, colourless now and then.
क्यूँ हिज्र के शिकवे करता है क्यूँ दर्द के रोने रोता है
अब इश्क़ किया तो सब्र भी कर इस में तो यही कुछ होता है... हफ़ीज़ जालंधरी....
Why for the parting lament, why cry for pain 'n comment.
This is what happens in love, have courage over and above.
जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया..... नासिर काज़मी.....
The wounds of parting have been healed by life in pain.
You have also slept and peace me too could attain.
उस गली ने ये सुन के सब्र किया
जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं
..... जौन एलिया.....
Street listened and had solace.
Who left were not of this place
सब्र पर दिल को तो आमादा किया है लेकिन
होश उड़ जाते हैं अब भी तिरी आवाज़ के साथ..... आसी उल्दनी.....
I have given the solace, keeping heart in it's place.
Still I lose my sense, listening your voice across fence.
वो किसी को याद कर के मुस्कराया था उधर
और मैं नादान ये समझा कि वो मेरा हुआ
..... इक़बाल अशहर.....
Remembering someone, he had smiled that way.
Out of innocence, I thought, I have had the last say.
भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में हम
क़िस्तों में ख़ुद-कुशी का मज़ा हम से पूछिए.... ख़ुमार बारहबंकवी.....
Slowly I have forgotten her on my part.
Got taste of scuicide in instalments from start.
चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ... साहिर...
Plucking some buds of joy, for long, grief I enjoy.
Your meeting pleases a lot, but fills grief in the slot.
मैं मुद्दतों जिया हूँ किसी दोस्त के बग़ैर
अब तुम भी साथ छोड़ने को कह रहे हो ख़ैर..... फ़िराक़ गोरखपुरी.....
I have lived without a friend for a long long stretch.
Now you also want to leave, what else is there to fetch.
मोहब्बत एक तरफ़ से मज़ा नहीं देती
कुछ इज़्तिराब तुझे हो कुछ इज़्तिराब मुझे..... जलील मानिकपुरी....
One sided love just can not please.
On both sides there be mental dis-ease.
क्या क्या फ़रेब दिल को दिए इज़्तिराब में
उन की तरफ़ से आप लिखे ख़त जवाब में..... अज्ञात.....
I have deceived the heart in mental dis-ease.
On my own I wrote replies of letters with ease.
है ज़िंदगी बग़ैर तुम्हारे इक इज़्तिराब
दे दो इसे सबात मिरी बात मान लो
..... जमील उस्मान.....
Life without you is just mental dis-ease.
Give it stability, agree with me please.
ज़मीं का आख़िरी मंज़र दिखाई देने लगा
मैं देखता हुआ पत्थर दिखाई देने लगा
...... शाहीन अब्बास.....
Last stretch of earth is now seen.
I looked till as a stone I was seen.
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