Monday, 7 November 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +17 COUPLETS

जिन के होंटों पे हँसी पाँव में है छाले होंगे
हाँ वही लोग तुम्हें चाहने वाले होंगे 
..... परवाज़ जालंधरी.....

Those who have blistered feet and on lips a smile. 
O yes, such persons will like you all the  while. 

आते आते मिरा नाम सा रह गया 
उस के होंटों पे कुछ काँपता रह गया 
..... वसीम बरेलवी.....

As if my name appeared for a while 
A thing trembled on her lips for a while.

आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो 
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो..... राहत इन्दौरी..... 

Keep water in eyes and spark on lips. 
For survival, you need several tips. 

इतना सच बोल कि होंटों का तबस्सुम न बुझे 
रौशनी ख़त्म न कर आगे अँधेरा होगा 
..... निदा फ़ाज़ली..... 

Speak the truth  to keep beauty of lips ablaze. 
There's darkness ahead,  let the light glaze. 

न मैं ख़स्ता-हाल होता न ये अजनबी से लगते 
ये हसीं हसीं फ़रिश्ते मुझे आदमी  से लगते..... हबीब हाश्मी..... 

If I wasn't distressed, not stranger they'd look . 
These beautiful angels,
could then humans look. 

बदला न अपने-आप को जो थे वही रहे 
मिलते रहे सभी से मगर अजनबी रहे 
..... निदा फ़ाज़ली..... 

I didn't change myself, remained what I was. 
Existed as a stranger,
 meeting all for a cause. 

फलदार था तो गांव उसे पूजता रहा
सूखा तो क़त्ल हो गया वो बे-ज़बाँ दरख़्त 
..... परवीन कुमार अश्क..... 

While bearing fruits, the tree village worshipped. 
When dried sacrificed, it was silence- equipped. 

फलदार दरख़्तों ने रिझाया तो मुझे भी 
आज़ाद परिंदों के लिए शाख़-ओ-समर क्या..... बद्र वास्ती..... 

I was also lured by the trees  bearing fruit. 
For free birds, what's a branch or a fruit? 

छलक जाती है अश्क-ए-गर्म बन कर मेरी आँखों से 
ठहरती ही नहीं सहबा-ए-दर्द इन आबगीनों में....अब्दुल रहमान बज़्मी....

As hot tears from my eyes, does it spill. 
In glasses , wine of pain doesn't stay still. 

हम जो अब आदमी हैं पहले कभी 
जाम होंगे छलक गए होंगे 
..... जौन एलिया..... 

We are now human but earlier still.
Might have been glasses that 'd spill. 

कभी कभी तो छलक पड़ती हैं यूँही आँखें 
उदास होने का कोई सबब नहीं होता 
..... बशीर बद्र..... 

At times, the eyes spill on their own. 
To be sad, there's no reason known 

ये हुस्न-ए-दिल-फ़रेब ये आलम शबाब का 
गोया छलक रहा है पियाला शराब का 
..... असर सहबाई..... 

This enticing beauty, this  youth state! 
As if a glass of wine spills out in spate. 

फ़क़त निगाह  से होता है फ़ैसला दिल का
न हो निगाह में  शोख़ी तो दिलबरी क्या है?..... इक़बाल..... 

The decisions of heart are only through the eyes. 
What's being a beloved without mischief in eyes? 

ये दिलबरी ये नाज़ ये अंदाज़ ये जमाल 
इंसाँ करे अगर न तिरी चाह क्या करे 
.... अकबर इलाहाबादी..... 

Being a beloved, it's pride, beauty and style. 
If man doesn't like you, what to do all the while 

इस दिलबरी की शान के क़ुर्बान जाइए 
अब दिल-दही को आए हैं जब दिल नहीं रहा..... उरूज़ ज़ैदी बदायूनी..... 

What a beauty of being  beloved, what sacrificial affair 
She has come for solace of heart when it isn't there. 

दिलबरी जज़्ब-ए-मोहब्बत का करिश्मा है फ़क़त 
कुछ करामत नहीं जादू नहीं एजाज़ नहीं 
..... इस्माइल मेरठी..... 

Being beloved is just a feat of love feeling. 
No wonder, no magic, no heavenly feeling. 

मस्जिद में उस ने हम को आँखें दिखा के मारा 
काफ़िर की शोख़ी देखो घर में ख़ुदा के मारा..... ज़ौक़..... 

In the mosque, showing the eyes he hurt. 
Look at the idol, in home of Lord, was pert. 

साथ शोख़ी के कुछ हिजाब भी है 
इस अदा का कहीं जवाब भी है 
..... दाग़ देहलवी..... 

Besides mischief, there's also a veil. 
How can one such a style avail? 

मोहब्बत के लिए कुछ ख़ास दिल मख़्सूस  होते हैं 
ये वो नग़्मा है जो हर साज़ पर गाया नहीं जाता..... मख़्मूर देहलवी..... 

Some specific hearts are designed as a love net. 
This song can't be played 
from each 'n every set. 

लगता नहीं है दिल मिरा उजड़े दयार में 
किस की बनी है आलम-ए-ना-पाएदार में 
..... बहादुर शाह ज़फ़र..... 

My heart is not at ease in this deserted land. 
Who can be at peace in this transient land? 


उदास शाम की यादों भरी सुलगती हवा 
हमें फिर आज पुराने दयार ले आई 
..... राजेंद्र मनचंदा बानी..... 

Burning wind of memory clad, eve' sad. 
Has brought us back in the same old pad. 

ये क्या जगह है दोस्तो ये कौन सा दयार है 
हद्द-ए-निगाह तक जहाँ ग़ुबार ही ग़ुबार है 
..... शहरयार.....

O friends!  What's this place, which is this land? 
As far as eyes can see, there's only dust 'n sand. 


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