Tuesday, 15 November 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +21 COUPLETS

गुल ग़ुंचे आफ़्ताब शफ़क़ चाँद कहकशां
ऐसी कोई भी चीज़ नहीं जिसमें तू न हो
..... वाहिद प्रेमी.....

Flowers, buds, sun, galaxy, moon, dusk glow. 
There is just nothing in which you don't show. 

फूल गुल शम्स ओ क़मर सारे ही थे 
पर हमें उन में तुम्हीं भाए बहुत 
..... मीर तक़ी मीर.....

Flowers, sun, moon, all were there.
 Out of all , only at you did I stare. 

पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है 
जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है..... मीर तक़ी मीर..... 

Each leaf, each plant knows about my state. 
Flower doesn't know, garden knows my state. 

शब-ए-विसाल है गुल कर दो इन चराग़ों को 
ख़ुशी की बज़्म में क्या काम जलने वालों का..... दाग़ देहलवी..... 

Put out all the lamps, it's a  meeting night. 
Burners aren't needed for assembly of delight. 

सुर्ख़ी शफ़क़ की ज़र्द हो गालों के सामने 
पानी भरे घटा तिरे बालों के सामने 
..... मुनीर शिकोहाबादी..... 

Redness of dawn looks yellow  confronting her cheek. 
Compared with her tress, dark cloud cover is bleak. 

चराग़ चाँद शफ़क़ शाम फूल झील सबा 
चुराईं सब ने ही कुछ कुछ शबाहतें तेरी 
..... अंजुम इरफ़ानी..... 

Lamp, moon, glow, eve', flower, lake, breeze. 
Stole some similarity from you, all of these. 

सूरज हूँ ज़िंदगी की रमक़ छोड़ जाऊँगा 
मैं डूब भी गया तो शफ़क़ छोड़ जाऊँगा 
..... इक़बाल साजिद..... 

I am sun, will leave life's last sigh. 
While sinking, leave a red glow high. 

तुम अपने चाँद तारे कहकशाँ चाहे जिसे देना 
मिरी आँखों पे अपनी दीद की इक शाम लिख देना..... ज़ुबैर रिज़वी..... 

You may allot anyone, galaxy, stars, moon. 
On my eyes, scribble an evening meet with me soon. 

ये तो अपना अपना है हौसला ये तो अपनी अपनी उड़ान है 
कोई उड़ के रह गया बाम तक कोई कहकशाँ से गुज़र गया 
..... तौफ़ीक़-उल-हसन..... 

It's individual courage  and extent of one's flight. 
Some cross the galaxy, others on rooftop alight. 

इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ 
मिरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है 
..... मुस्तफ़ा ज़ैदी..... 

Walk on these stones if you want to come home. 
There's no galaxy on the way to  my home. 

सुना है उस के बदन की तराश ऐसी है 
कि फूल अपनी क़बाएँ कतर के देखते हैं 
..... अहमद फ़राज़..... 

It's heard that such are her body cuts. 
Flowers look at her making cover cuts. 

सो देख कर तिरे रुख़्सार ओ लब यक़ीं आया 
कि फूल खिलते हैं गुलज़ार के अलावा भी..... अहमद फ़राज़..... 

I was assured by looking at your lips and cheeks. 
That outside the garden too, flower blooms and peaks. 

मैं बाग़ में हूँ तालिब-ए-दीदार किसी का 
गुल पर है नज़र ध्यान में रुख़्सार किसी का..... तअश्शुक़ लखनवी..... 

I am in a garden desirous of someone 's glimpse. 
Though looking at flower, her cheek is in glimpse. 

उन के रुख़्सार पे ढलके हुए आँसू तौबा 
मैं ने शबनम को भी शोलों पे मचलते देखा..... साहिर लुधियानवी.....

Tears trickling on her cheeks, oh no more. 
It's dew on embers settling down the score. 

बदन गुल चेहरा गुल रुख़्सार गुल लब गुल दहन है गुल
सरापा अब तो वो रश्क-ए-चमन है ढेर फूलों का..... नज़ीर अकबराबादी..... 

Body, face, cheeks, lips, mouth, all are flowers. 
From head to toe she is envy of garden, heap of flowers. 

बख़्त से कोई शिकायत है न अफ़्लाक से है 
यही क्या कम है कि निस्बत मुझे इस ख़ाक से है..... परवीन शाकिर..... 

Neither I complain about the skies nor fate. 
Isn't it enough that with the dust I can relate. 

वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन 
उसे इक ख़ूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा..... साहिर लुधियानवी..... 

A tale which can't reach it's natural end. 
Is better left giving a beautiful bend. 

तिरा ख़त आने से दिल को मेरे आराम क्या होगा 
ख़ुदा जाने कि इस आग़ाज़ का अंजाम क्या होगा..... सौदा..... 

What comfort can your letter give to my heart 
God only knows about the end of this start. 

आग़ाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता 
जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता 
..... मीना कुमारी नाज़..... 

Only start exists, but no end 
can be seen. 
In my tale, when his name hasn't been. 

इश्क़ में भी कोई अंजाम हुआ करता है 
इश्क़ में याद है आग़ाज़ ही आग़ाज़ मुझे 
..... ज़िया जालंधरी..... 

In the story of love is there an end? 
Only start exists in my memory bend. 

आह कल तक वो नवाज़िश ! आज इतनी बे-रुख़ी
कुछ तो निस्बत चाहिए आग़ाज़ को अंजाम से..... ग़ुलाम भीक नैरंग..... 

Such favour till yesterday, so indifference today. 
Some relation between start
 to end should stay. 

मैं क्या करूँ मिरे क़ातिल न चाहने पर भी 
तिरे लिए मिरे दिल से दुआ निकलती है 
..... अहमद फ़राज़..... 

Who to do my culprit, even when I don't want. 
For you only prayer does my heart chant. 

निगाहें इस क़दर क़ातिल कि उफ़ उफ़ 
अदाएँ इस क़दर प्यारी कि तौबा 
..... आरज़ू लखनवी..... 

Oh oh so murderous are eyes. 
Styles so lovely repentant sighs

शहर के आईन में ये मद भी  लिक्खी जाएगी 
ज़िंदा रहना है तो क़ातिल की सिफ़ारिश चाहिए..... हकीम मंज़ूर..... 

In city legal book, it will be kept on record. 
For survival, the murderer must give accord. 

आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है 
भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है 
..... वसीम बरेलवी..... 

Why is the sky so proud of it's height. 
It forgets being seen from earth outright. 

कोई उम्मीद बर नहीं आती
कोई  सूरत नज़र नहीं आती 
..... मिर्ज़ा ग़ालिब..... 

There appears to be no hope 
There's nothing with which to cope. 















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