Tuesday, 1 November 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +4 COUPLETS


कोई इन तंग-दहानों से मोहब्बत न करे
और जो ये तंग करें मुँह से शिकायत न करे.... ज़ौक़..... 

Let no one love the tight lipped dame. 
And if she irritates, then don't  complain. 

उम्र भर रहना है ताबीर से गर दूर तुम्हें
फिर मिरे ख़्वाब में आने की ज़रूरत क्या है..... नदीम गुल्लानी.....

Life long if you don't want to interpret dreams. 
What's then the need to come in my dreams? 

ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है 
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है..... इफ़्तिख़ार आरिफ़..... 

To scatter like a dream, is my desire. 
Such solitude that to die is my desire. 

उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए 
कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए 
..... इरफ़ान सिद्दीक़ी...... 

Get up and see the spectacle of bright night. 
Sleep isn't necessary to see dreams at night. 

अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो 
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो..... मुनव्वर राना..... 

My journey of parting, let it be at ease. 
You don't disturb me in dreams, please. 

लुट गए एक ही अंगड़ाई में ऐसा भी हुआ
उम्र भर फिरते रहे बन के जो हुशियार बहुत..... क़ैस रामपुरी .....

It so happened that they were robbed by one limbs stretch. Those who were living as clever in whole life stretch. 

एक सीता की रिफ़ाक़त है तो सब कुछ पास है
ज़िन्दगी कहते हैं जिस को राम का बन-वास है..... हफ़ीज़ बनारसी.....

An association with Sita brings all things near. 
It's an exile of Ram that you call life O dear. 

इसी फ़लक से उतरता है ये अंधेरा भी 
ये रौशनी भी इसी आसमाँ से आती है 
..... उबैदुल्ला सिद्दीक़ी.....

From this sky, descends the dark. 
Also, from there comes the spark 

वो पलट के जल्द न आएंगे ये अयाँ है तर्ज़-ए-ख़िराम से
कोई गर्दिश ऐसी भी ऐ फ़लक जो बुला दे सुब्ह को शाम से..... आरज़ू लखनवी.....

She won't return soon, is evident from style of gait. 
Such a move O sky, to call morn' from eve' in spate.

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