Wednesday, 2 November 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 COUPLETS

किसी केवादा-ए-सब्र-आज़मा की ख़ैर कि हम
अब ए'तिबार की हद से गुज़रते जाते हैं
..... राज़ मुरादाबादी.....

By virtue of someone' s patience testing promise, us. 
Are crossing the boundaries of faith, without fuss. 

दोज़ख़-ओ-जन्नत हैं अब मेरी नज़र के सामने। 
घर रक़ीबों ने बनाया उस के घर के सामने.... पंडित दया शंकर नसीम..... 

He'll and heaven are in front of my eyes. 
Rivals erected a home in front of her eyes. 

फूलों में वही तो फूल ठहरा
जो तेरे सलाम को खिला हो
..... गौहर होशियारपुरी..... 

Among flowers, that flower was cute. 
Which has bloomed for your salute. 

एक दिन नक़्श-ए-क़दम पर मेरे बन जाएगी राह
आज सहरा में तो तन्हा हूँ कहीं कोई नहीं 
..... दामोदर ठाकुर ज़की..... 

My footprints one day, will pave a way. 
Today in desert zone, I am all alone. 

ऐ गर्दिशों तुम को ज़रा ताख़ीर हो गई 
अब मेरा इंतजार करो मैं नशे में हूँ 
..... गणेश बिहारी तर्ज़..... 

O whirls! There was delay on your part. 
Now you wait I am drunk from start. 



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