और सितम ये कि हम तुम्हारे हैं
..... जौन एलिया.....
All griefs of world are mine.
It's sad, that I am still thine.
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
...... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़.....
Heart isn't a success,but hasn't lost hope.
Long is painful eve' but an eve' you can cope.
अब तो ख़ुशी का ग़म है न ग़म की ख़ुशी मुझे
बे-हिस बना चुकी है बहुत ज़िंदगी मुझे
..... शकील बदायूनी.....
Neither I have grief of joy, nor joy of pain.
I have become insensitive to all in life rain.
कितनी दिलकश हो तुम कितना दिल-जू हूँ मैं
क्या सितम है कि हम लोग मर जाएँगे
..... जौन एलिया.....
How attractive you are, how attentive am I
What a trouble that both of
us will die.
क्या सितम है कि अब तिरी सूरत
ग़ौर करने पे याद आती है
..... जौन एलिया.....
What a trouble that now your face.
Only carefully I can trace.
दिल आबाद कहाँ रह पाए उस की याद भुला देने से
कमरा वीराँ हो जाता है इक तस्वीर हटा देने से..... जलील आली.....
How can heart be inhabited if her memory is erased.
A room becomes so vacant if
a picture is displaced.
दाएम आबाद रहेगी दुनिया
हम न होंगे कोई हम सा होगा
..... नासिर काज़मी.....
Eternally world would be there.
If not us, our likes will be there.
दुनिया-ए-तसव्वुर हम आबाद नहीं करते
याद आते हो तुम ख़ुद ही हम याद नहीं करते..... फ़ना कानपुरी.....
I do not inhabit the world of mind.
I don't remember, you come to mind.
दर्द ऐसा है कि जी चाहे है ज़िंदा रहिए
ज़िंदगी ऐसी कि मर जाने को जी चाहे है
..... क़लीम आजिज़.....
You feel like living, such is the pain.
Life is such, you want to die again.
ज़िंदगी क्या किसी मुफ़लिस की क़बा है जिस में
हर घड़ी दर्द के पैवंद लगे जाते हैं
..... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़.....
Is life a poor man's robe in which.
Every time you need a painful stitch.
दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ
रोएँगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यूँ
It's heart not a stone or brick, why won't fill with pain?
I'll cry a thousand times, why someone troubles again?
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
..... गुलज़ार.....
Life was spent so alone
In caravan, I walked alone.
ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में
..... जौन एलिया.....
How will this life be spent.
Love in heart makes no dent.
कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी
सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी
..... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़.....
When will the pain stop o heart, when will night be over.
It was heard that she'd come, it 'd be morn',night be over.
शब-ए-इंतिज़ार की कश्मकश में न पूछ कैसे सहर हुई
कभी इक चराग़ जला दिया कभी इक चराग़ बुझा दिया... मजरुह सुल्तानपुरी...
In the tussle of waiting night, ask not how morn' was in sight
At times I lit one lamp, at times another lamp I stamp.
ज़बाँ ज़बाँ पे शोर था कि रात ख़त्म हो गई
यहाँ सहर की आस में हयात ख़त्म हो गई..... महताब ज़फ़र.....
On every tongue was a sound that night end is around.
With this morning hope, my life could not cope.
दिल से जो बात निकलती है असर रखती है
पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है
..... अल्लामा इक़बाल.....
What comes out of heart, makes an impact on it's part.
It may not have the wings, but with power to fly it clings.
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक
कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक..... मिर्ज़ा ग़ालिब.....
It takes a lifetime, for sigh to affect in prime.
Who will live that long, for tress
bond so strong.
इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही
दर्द कम हो या ज़ियादा हो मगर हो तो सही..... जलाल लखनवी.....
For the hurt of heart, there be effect of some sort.
Whether pain is less or more, it should reach the core.
तेरी रूह में सन्नाटा है और मिरी आवाज़ में चुप
तू अपने अंदाज़ में चुप है मैं अपने अंदाज़ में चुप..... अब्बास ताबिश.....
There's silence in your soul, my voice has same goal.
You are silent in your way, I am silent in my sway.
उक़ाबी रूह जब बेदार होती है जवानों में
नज़र आती है उन को अपनी मंज़िल आसमानों में..... इक़बाल.....
When it is the hawk soul, alive in youth as a whole.
They can see their goal, in yonder skies off pole.
मिरी रूह की हक़ीक़त मिरे आँसुओं से पूछो
मिरा मज्लिसी तबस्सुम मिरा तर्जुमाँ नहीं है..... मुस्तफ़ा ज़ैदी.....
Ask the truth of my soul, from my tears on roll.
Religious fervour that you see, it is not truely me.
जवानी क्या हुई इक रात की कहानी हुई
बदन पुराना हुआ रूह भी पुरानी हुई
..... उबैदुल्ला अलीम.....
What's this youth of a kind, story of one night grind.
Body got old as a whole, so was the state of soul.
फ़रिश्ते से बढ़ कर है इंसान बनना
मगर इस में लगती है मेहनत ज़ियादा
..... अल्ताफ़ हुसैन हाली.....
More than an angel,is to be a man.
Effort is more than what you can.
कोई ख़ुद-कुशी की तरफ़ चल दिया
उदासी की मेहनत ठिकाने लगी
..... आदिल मंसूरी.....
Someone took a suicidal role.
Effort of sadness reached it's goal.
मिरे बनाए हुए बुत में रूह फूँक दे अब
न एक उम्र की मेहनत मिरी अकारत कर
..... राजेंद्र मनचंदा बानी.....
In this idol of mine, snuff soul let it shine.
It's an effort of lifetime, don't waste it in no time.
अज़ाँ पे क़ैद नहीं बंदिश-ए-नमाज़ नहीं
हमारे पास तो हिजरत का भी जवाज़ नहीं
..... अंजुम ख़याली.....
There's no bar on azaan, no bar on prayer in lawn.
Really I can't justify, going for religious travel and why?
ख़ुदा के वास्ते चेहरे से टुक नक़ाब उठा
ये दरमियान से अब पर्दा - ए-हिजाब उठा
..... शाह नसीर.....
For Almighty 's sake, from face veil off take.
Now in between us, why this veil fuss?
No comments:
Post a Comment