लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे
..... अल्लामा इक़बाल.....
It's good to have guard of sense with heart.
But let it roam alone at times from start.
तसद्दुक़ इस करम के मैं कभी तन्हा नहीं रहता
कि जिस दिन तुम नहीं आते तुम्हारी याद आती है..... जलील मानिकपुरी.....
Charity be on you that I am never alone.
When you don't come your memory is on.
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
..... गुलज़ार.....
This life was thus spent alone.
In caravan too, I moved alone.
जाने क्यूँ लोग मिरा नाम पढ़ा करते हैं
मैं ने चेहरे पे तिरे यूँ तो लिखा कुछ भी नहीं..... प्रेम भंडारी.....
I know not why people read my name in any case.
I didn't inscribe anything at all on your face.
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा
..... इफ़्तिख़ार नसीम.....
Compared to her face it looked faded soon.
In sky looked half, though it was full moon.
हासिल-ए-कुन है ये जहान-ए-ख़राब
यही मुमकिन था इतनी उजलत में
..... जौन एलिया.....
You have achieved a world so bad.
That's what so bright could be had.
इस तअल्लुक़ में नहीं मुमकिन तलाक़
ये मोहब्बत है कोई शादी नहीं
..... अनवर शऊर.....
In this relation, you can't divorce.
It is love, not marriage of course.
एक चेहरे में तो मुमकिन नहीं इतने चेहरे
किस से करते अगर हम इश्क़ दुबारा करते..... ओबैदुल्लाह अलीम.....
It's not possible to have many faces within one.
If desired, with whom love again could be done.
मुसाफिरों से मोहब्बत की बात कर लेकिन
मुसाफिरों की मोहब्बत का ए'तिबार
न कर..... उमर अंसारी.....
You can talk about love with passengers.
But don't believe on love of passengers.
मोहब्बत के लिए दिल ढूँढ कोई टूटने वाला
ये वो नग़्मा है जो हर साज़ पर गाया नहीं जाता
For love, search for a breakable heart.
Can't play this song on any music part.
बैठ जाता हूँ जहाँ छाँव घनी होती है
हाय क्या चीज़ ग़रीब-उल-वतनी होती है
..... हफ़ीज़ जौनपुरी.....
I sit where the shade is dense.
That's how exile makes sense.
डाल दे साया अपने आँचल का
नातवाँ हूँ कफ़न भी हो हल्का
Give it your head cover shade.
I am weak, light coffin be made
महरूमियों का अपनी न शिकवा हो क्यूँ हमें
कुछ लोग पी के ही नहीं छलका के आए हैं..... रज़ा अमरोहवी.....
Why on my deprivation shouldn't I lament.
Wine wasn't only sipped but splashed and spent.
इस महफ़िल-ए-कैफ़-ओ-मस्ती में इस अंजुमन-ए-इरफ़ानी में
सब जाम-ब-कफ़ बैठे ही रहे हम पी भी गए छलका भी गए..... मजाज़.....
In this frentic gathering where knowledge was in creed.
All had wine cups in hand, I drank 'n splashed in lead.
ज़िंदगी इक आँसुओं का जाम था
पी गए कुछ और कुछ छलका गए
..... शाहिद कबीर.....
Life was a tears cup.
Drank' n splashed it up.
मर गए फिर भी त'आल्लुक़ है ये मैख़ाने से
मेरे हिस्से की छलक जाती है पैमाने से
I am dead but have concern with tavern
My share splashes with each glass turn.
छूना मत, शराब है !
ये क्या किया, शराब थी!
Don't you touch it, it is wine.
What did you do, it was wine.
ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर
या वो जगह बता दे जहाँ पर ख़ुदा न हो
O preacher! In mosque, let me sit and drink.
Or tell where God isn't there, just think.
क्या रात के आशोब में वो ख़ुद से लड़ा था
आईने के चेहरे पे ख़राशें सी पड़ी हैं
..... आफ़्ताब इक़बाल शमीम.....
In upheaval of the night, with himself did he fight.
On the mirror 's face, there are scratches to trace.
रोज़ मिलने पे भी लगता था कि जुग बीत गए
इश्क़ में वक़्त का एहसास नहीं रहता है
..... अहमद मुश्ताक़.....
Even with daily meet, centuries seemed to fleet.
In the times of love, time stops feeling above.
हम तुम साथ हैं इस लम्हे में
दुख सुख तो अपना अपना है
..... अहमद मुश्ताक़.....
In this moment, we are together.
Separate are our pain 'n pleasure.
जो ग़म जलते हैं शे'रों की चिता में
उन्हें फिर अपने सीने से लगाएँ
..... अहमद मुश्ताक़.....
The griefs on fire, in couplets pyre.
Let's reembrace, in chest we place.
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