Tuesday, 6 December 2022

AKHTAR SHIIRAANI.. GHAZAL

मोहब्बत की दुनिया में मशहूर कर दूँ 

मिरी सादा-दिल तुझ को मग़रूर कर दूँ 

तिरे दिल को मिलने की ख़ुद आरज़ू हो 

तुझे इस क़दर ग़म से रंजूर कर दूँ sick

मुझे ज़िंदगी दूर रखती है तुझ से 

जो तू पास हो तो उसे दूर कर दूँ 

मोहब्बत के इक़रार से शर्म कब तक 

कभी सामना हो तो मजबूर कर दूँ 

मिरे दिल में है शोला-ए-हुस्न रक़्साँ 

मैं चाहूँ तो हर ज़र्रे को तूर कर दूँ 

ये बे-रंगियाँ कब तक ऐ हुस्न-ए-रंगीं 

इधर आ तुझे इश्क़ में चूर कर दूँ 

तू गर सामने हो तो मैं बे-ख़ुदी में 

सितारों को सज्दे पे मजबूर कर दूँ 

सियह-ख़ाना-ए-ग़म है साक़ी ज़माना 

बस इक जाम और नूर ही नूर कर दूँ 

नहीं ज़िंदगी को वफ़ा वर्ना 'अख़्तर' 
Ordered
मोहब्बत से दुनिया को मामूर कर दूँ

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