Wednesday, 21 December 2022

सर्दी पर चुने हुए अश'आर.....

अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में 
इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में
..... शोएब बिन अज़ीज़..... 
 
Now that one grieves, in these winter eves'. 
This is what happens, in works like these. 
  
सर्दी में दिन सर्द मिला 
हर मौसम बेदर्द मिला 
.....मोहम्मद अल्वी.....
 
When it's chilly, she is cold. 
Every weather is painless, bold
  
दिसम्बर की सर्दी है उस के ही जैसी 
ज़रा सा जो छू ले बदन काँपता है 
..... अमित शर्मा मीत..... 
 
December month chill , 
is just like her, still. 
Body trembles as such,
 with a little touch. 
  
गर्मी लगी तो ख़ुद से अलग हो के सो गए 
सर्दी लगी तो ख़ुद को दोबारा पहन लिया
..... बेदिल हैदरी..... 
 
When I felt it was warm, parted with self, slept in form. 
When I felt it was cold, wore myself again for hold. 
  
लगी रहती है अश्कों की झड़ी गर्मी हो सर्दी हो 
नहीं रुकती कभी बरसात जब से तुम नहीं आए..... अनवर शऊर..... 

Whether it's warm or it's cold, stream of tears aren't on hold. 
This rain has never stopped,  since I have been dropped. 
 
सर्दी और गर्मी के उज़्र नहीं चलते 
मौसम देख के साहब इश्क़ नहीं होता 
..... मुईन शादाब..... 
 
Whether it's warm or cold, these excuses don't hold. 
Saheb looking at the weather,
 love can't wait to be together. 
 
जो दे सका न पहाड़ों को बर्फ़ की चादर 
वो मेरी बाँझ ज़मीं को कपास क्या देगा
..... मोहसिन नक़वी..... 
 
One who couldn't give mountains, a sheet of snow. 
On my sterile land, how 'd it
 could  make cotton grow? 
  
उस के लहजे में बर्फ़ थी लेकिन 
छू के देखा तो हाथ जलने लगे
..... अमजद इस्लाम अमजद..... 
 
 Though there was ice in her  style. 
A little touch 'n hands burned awhile. 
  
कभी तो सर्द लगा दोपहर का सूरज भी 
कभी बदन के लिए इक किरन ज़ियादा हुई ..... नसीम सहर..... 
 
At times, mid day sun too, felt cold. 
Or a ray was more than body 'd hold. 
  
तुम तो सर्दी की हसीं धूप का चेहरा हो जिसे 
देखते रहते हैं दीवार से जाते हुए हम 
..... नोमान शौक़..... 

You are that lovely winter sun face. 
I keep looking from the walls retrace. 
 
सख़्त सर्दी में ठिठुरती है बहुत रूह मिरी 
जिस्म-ए-यार आ कि बेचारी को सहारा मिल जाए ..... फ़रहत एहसास..... 
 
My soul shivers in intense cold
O lover's body! Come for a hold
 
तेज़ धूप में आई ऐसी लहर सर्दी की 
मोम का हर इक पुतला बच गया पिघलने से ..... क़तील शफ़ाई..... 

In intense sun, a wave of cold was felt 
Or each wax statue would have melt. 
 
इक बर्फ़ सी जमी रहे दीवार-ओ-बाम पर 
इक आग मेरे कमरे के अंदर लगी रहे 
..... सालिम सलीम..... 

Let something icy be there on walls and door. 
While fire should keep igniting  my indoor. 
 
अब की सर्दी में कहाँ है वो अलाव सीना 
अब की सर्दी में मुझे ख़ुद को जलाना होगा..... नईम सरमद..... 

Where is that hot chest in this winter? 
I have to burn myself in  this winter. 
 
इतनी सर्दी है कि मैं बाँहों की हरारत माँगूँ 
रुत ये मौज़ूँ है कहाँ घर से निकलने के लिए ..... ज़ुबैर फ़ारूक़..... 

It's so intense cold, I ask for your arms to hold. 
It's not the weather, to get out of home  either. 
 
सर्दी है कि इस जिस्म से फिर भी नहीं जाती 
सूरज है कि मुद्दत से मिरे सर पर खड़ा है 
..... फख्र ज़मान..... 

How much is the cold, keeps body in it's hold. 
Since long on my head, though is sun instead. 

ऐसी सर्दी में शर्त चादर है 
ओढ़ने की हो या बिछौने की 
..... पारस मज़ारी..... 

In this winter, a sheet is
 surely needed . 
As a cover or someone 
to be seeded. 
 
इस बार इंतिज़ाम तो सर्दी का हो गया 
क्या हाल पेड़ कटते ही बस्ती का हो गया 
..... नोमान शौक़..... 
 
 This winter could be taken care of. 
What about area, with tree
 cut off? 
  
ये सर्दियों का उदास मौसम कि धड़कनें बर्फ़ हो गई हैं 
जब उन की यख़-बस्तगी परखना तमाज़तें भी शुमार करना..... नोशी गिलानी..... 
 
This sad winter so cold, frozen are heart throbs bold. 
Now assess her frozen hold, include the passions gold. 
  
शाम ने बर्फ़ पहन रक्खी थी रौशनियाँ भी ठंडी थीं 
मैं इस ठंडक से घबरा कर अपनी आग में जलने लगा..... शमीम हनफ़ी..... 

 Evening had put on ice, lights were cold, not nice. 
Upset with this cold, I burnt in my own fire bold. 
 
अब उस मक़ाम पे है मौसमों का सर्द मिज़ाज 
कि दिल सुलगने लगे और दिमाग़ जलने लगे..... फ़रहान सालिम..... 
 
At such a peak is mood of 
cold weather. 
Hearts and the minds are
 on fire either . 
 
सूरज चढ़ा तो पिघली  चोटियों की बर्फ़ 
आँधी चली तो उखड़े बहुत साया-दार लोग ..... मंज़र सलीम.....

With the rising sun melted snow of mountain peaks. 
With the storm were uprooted 
 many shadowy meeks. 

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