नेति - नेति कह कह कर जिनकी स्तुति वेदों ने की है।
जो परब्रह्म, सच्चिदानंद स्वरूप कहे जाते हैं।
उन्हीं गणेश, गुणेश के भजन नमन किए गाते हैं।
रूपांतरण.. रवि मौन
मूल श्लोक....
यतो वेदवाचो विकुण्ठा मनोभिः
सदा नेति नेतीति यत्ता गृणन्ति।
परब्रह्मरूपं चिदानन्दभूतं
सदा तं गणेशं नमामो भजामः।।
(श्रीगणेशपुराण ,उपासनाखण्ड 91/52)
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