Wednesday, 14 December 2022

JIGAR MORADABADI.. GHAZAL.. AADMII AADMII SE MILTAA HAI.....

आदमी आदमी से मिलता है 

दिल मगर कम किसी से मिलता है 

भूल जाता हूँ मैं सितम उस के 

वो कुछ इस सादगी से मिलता है 

आज क्या बात है कि फूलों का 

रंग तेरी हँसी से मिलता है 
Serial calamities of doomsday 
सिलसिला फ़ित्ना-ए-क़यामत का 
तेरी ख़ुश-क़ामती से मिलता है 
Looks like your height in a way
मिल के भी जो कभी नहीं मिलता 

टूट कर दिल उसी से मिलता है 

कारोबार-ए-जहाँ सँवरते हैं 
Works of world embellish
होश जब बे-ख़ुदी से मिलता है 
Ecstasy or rapture
रूह को भी मज़ा मोहब्बत का 
दिल की हम-साएगी से मिलता है
Neighbouring 

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